रांची – ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी. सीएम हेमंत का पक्ष रखने के बाद ईडी आज अपना पक्ष रखेगी. सीएम हेमंत के द्वारा दायर याचिका पर बीते 11 अक्टूबर को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सुनवाई हुई थी. अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि सीएम के खिलाफ जमीन घोटाले में कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं है. और ना ही ईडी ने उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज करायी है, बावजूद उन्हें समन भेजा गया है, जो गलत है. ईडी ने नहीं बताया उन्हें आरोपी या गवाह किस रूप में समन दिया गया.
सीएम ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई को चुनौती देते हुए ईडी के समन के खिलाफ 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई से इनकार कर दिया और उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा. इसके बाद सीएम ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इसकी सुनवाई चल रही है.
इससे पहले ईडी ने सीएम को भेजा है पांच बार समन
आपको बता दें, इससे पहले सीएम को ईडी द्वारा पांच बार समन भेजा गया था. ईडी ने अपने पहले समन में 14 अगस्त को उन्हें ईडी दफ्तर बुलाया था. इसके लिए सीएम को ईडी ने 8 अगस्त को पहला समन भेजा था. लेकिन वे पहले समन में ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे. इस दौरान सीएम सचिवालय से ईडी कार्यालय चिट्ठी भिजवाया गया था जिसमें सीएम की ओर से कहा गया था ईडी अपना समन वापस लें, मैं कानूनी सलाह ले रहा हूं. इसके बाद दूसरी बार ईडी की तरफ से 19 अगस्त को समन भेजकर 24 अगस्त (गुरूवार) को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया था. लेकिन सीएम ईडी के इस बुलावे पर भी ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे थे उस समय भी यानी 24 अगस्त को मुख्यमंत्री की जगह सचिवालय से सूरज कुमार नाम का एक कर्मी सील बंद लिफाफे में एक चिट्ठी लेकर ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा था.
इसके बाद सीएम हेमंत को ईडी ने 1 सितंबर को तीसरी बार समन भेजा और 9 सितंबर (शनिवार) को ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन सीएम सचिवालय की तरफ से बंद लिफाफे वाली एक चिट्ठी लिए एक कर्मी ईडी दफ्तर पहुंचा था. मुख्यमंत्री हेमंत को ईडी ने चौथी बार 17 सितंबर को समन भेजा और इसमें उन्होंने सीएम हेमंत को 23 सितंबर को ईडी दफ्तर में उपस्थित होने को कहा था. लेकिन वे ईडी दफ्तर फिर से नहीं पहुंचे. इस बार भी सीएम सचिवालय का कर्मी सूरज कुमार लिफाफे में बंद चिट्ठी लेकर ईडी कार्यालय पहुंचा था और उसने ईडी को चिट्ठी रिसीव कराया था. जिसके बाद फिर से ईडी ने पांचवीं बार 26 सितंबर को उन्हें समन भेजा और 4 अक्टूबर की तिथि को उन्हें मामले में पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया था लेकिन वे ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे.
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