रांची(RANCHI): झारखंड में भाजपा ने कमर कसने की तैयारी शुरू कर दी है. इसी के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सात जनवरी को झारखंड दौरे पर आयेंगे. इस दौरान वो चाईबासा में पार्टी की विजय संकल्प रैली को संबोधित करेंगे. जिसके लिए पार्टी नेता जोर-शोर से लगे हुए हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश चाईबासा में ही कैंप किए हुए हैं और पूरे आयोजन को सफल बनाने के लिए लगे हुए हैं. पार्टी नेता लोगों की भारी भीड़ जुटाने में भी लगे हुए हैं. अमित शाह का यह दौरा लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों के मद्देनजर काफी अहम है. इस दौरे से एक ओर बीजेपी जहां खुश है तो वहीं, जेएमएम और कांग्रेस में खलबली मची हुई है.
झारखंड में भाजपा ने कमर कसने की तैयारी शुरू कर दी है. इसी के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सात जनवरी को झारखंड दौरे पर आयेंगे. इस दौरान वो चाईबासा में पार्टी की विजय संकल्प रैली को संबोधित करेंगे. जिसके लिए पार्टी नेता जोर-शोर से लगे हुए हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश चाईबासा में ही कैंप किए हुए हैं और पूरे आयोजन को सफल बनाने के लिए लगे हुए हैं. पार्टी नेता लोगों की भारी भीड़ जुटाने में भी लगे हुए हैं. अमित शाह का यह दौरा लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों के मद्देनजर काफी अहम है.
लोकसभा और विधानसभा दोनों में मिली थी बीजेपी को शिकस्त
बता दें कि झारखंड में कुल 14 लोकसभा सीट है, जिसमें से 11 बीजेपी और एक आजसू के पास के है. वहीं, एक सीट जेएमएम और एक कांग्रेस के पास है. अमित शाह जहां से दौरे की शुरूआत कर रहे हैं वो सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में आती है, ऐसी में इस दौरे से कांग्रेस में खलबली मची हुई है. इसके अलावा भाजपा को पश्चिम सिंहभूम जिले के पांचों विधानसभा सीट में भी करारी हार का सामना करना पड़ा था. पांचों विधानसभा सीटों पर जेएमएम और कांग्रेस का कब्जा है. ऐसे में अमित शाह की रैली ऐसी जगह से शुरू होना जहां पार्टी कमजोर है, कई मायने रखता है. इस रैली से जेएमएम और कांग्रेस दोनों में हड़कंप मचा हुआ है.
कानून व्यवस्था और कमलदेव गिरी का मुद्दा उठा सकते हैं शाह
चाईबासा में विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह राज्य की हेमंत सोरेन सरकार की खामियों को गिना सकते हैं. इस दौरान सबसे बड़ा मुद्दा कानून व्यवस्था और कमलदेव गिरी की रह सकता है. इसके अलावा राज्य में लगातार हो रही आदिवासी युवतियों के साथ दरिंदगी का मामला भी अमित शाह उठा सकते हैं.
सम्मेद शिखरजी का मुद्दा भी रहेगा अहम
बता दें कि फिलहाल पूरे देश में सम्मेद शिखरजी का मुद्दा गरम है. सम्मेद शिखरजी पारसनाथ गिरिडीह स्थित जैन समुदाय का सबसे पवित्र स्थल है, जिसे झारखंड सरकार ने पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है. जिसका विरोध जैन समुदाय के लोगों के साथ-साथ भाजपा भी कर रही है. ऐसे में अमित शाह इस पर भी सरकार को घेरने की तैयारी में होंगे.
अमित शाह के दौरे से हो सकता है कांग्रेस-जेएमएम को घाटा
बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने सिंहभूम सीट पर जीत हासिल की थी. वहीं, पश्चिम सिंहभूम जिले के पांचों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और जेएमएम का कब्जा है. ऐसे में दौरे के बाद सत्ता दल के नेताओं को अब ये लगने लगा है कि आने वाले चुनाव में भाजपा उन क्षेत्रों पर ज्यादा जोर दे सकती है, जहां उनकी पार्टी कमजोर है. खैर, अमित शाह के रैली से क्या कुछ बदलता है ये तो आने वाले चुनाव ही तय करेंगे लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया सकता कि इस दौरे ने पूरे राज्य का पारा हाई कर दिया है.
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