चार महीने से प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न गांवों के लोगों का और किसानों को पहुंचा रहा है नुकसान।
सद्दाम खान लोहरदगा ब्यूरो
कुड़ू/लोहरदगा। जिले के कुड़ू प्रखंड क्षेत्र में विगत चार महीने से जंगली हाथियों के झुंड ने जमकर तांडव मचा रखा है। यहां पर घूम-घूम कर कभी लोगों के आशियाने को ध्वस्त कर क्षति पहुंचा रहा है तो कभी किसानों के द्वारा अपने खेतों में लगाए गए फसलों को भी रौंदकर आर्थिक नुकसान पहुंचाने का कार्य कर रही है। इससे भुक्तभोगी गरीब असहाय परिवार वालों की कमर टूट गई है। यहां पर जंगली हाथियों के तबाही से कुड़ू प्रखंड क्षेत्र वासियों को सकते में डाल दिया है।
चार महीने से विचरण करते हाथियों के झुंड ने 20 लाख रूपये से अधिक का पहुंचा चुका है नुकसान।
लोहरदगा जिला अंतर्गत कुड़ू कैरो और भंडरा प्रखंड क्षेत्र में विगत चार महीने से गजराजों की टीम और एक अकेला हाथी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। यहां पर वन विभाग की टीम लगातार जंगली हाथियों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने को लेकर रात-दिन गांव वालों से मिलकर प्रयास कर रही है लेकिन गजराजों की टोली कुड़ू कैरो और भंडरा प्रखंड क्षेत्र से जाने को तैयार नहीं है। बता दें कि विगत एक सप्ताह से गजराजों की पूरी टीम तीन हिस्सों में बंटकर गरीबों और किसानों का जमकर आर्थिक क्षति पहुंचा रही है। यहां के भुक्तभोगी ग्रामीणों ने बताया कि कुड़ू प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न गांवों में विगत एक सप्ताह से लगातार गजराज महाराज की टीम उत्पात मचा रखी है, जिससे लोगों को जान-माल का काफी क्षति पहुंचा है। कुड़ू प्रखंड क्षेत्र के लोगों ने बताया कि जंगली हाथियों के झुंड और एक अकेला गजराज महाराज के तबाही से लगभग 20 लाख रूपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। इधर रविवार को कुड़ू प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत चंदलासो के हरैया पतरा होते हुए हेंजला मुस्लिम कब्रिस्तान से होकर चंदलासो पंचायत सचिवालय के बगल पर स्थित मनोज गडेरी के घर को तोड़ डाला और घर में रखे अनाज को चट कर गया। तत्पश्चात गजराज महाराज की टोली चंदलासो पंचायत के कुछ दूरी पर स्थित एक किसान का आम बागवानी को तहस-नहस करने के बाद 23 हाथियों का झूंड पुरनाडीह जंगल में जा घुसा। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों कुड़ू प्रखंड क्षेत्र में एक गरीब महावीर उरांव की जान भी ले चुका है। बहरहाल जंगली हाथियों के झुंड का कुड़ू प्रखंड क्षेत्र में विगत 04 महीने से शरण लिए जाने से क्षेत्र वासियों की रात-दिन खौफ और डर के साये में बीत रहा है। आलम यह है कि जंगली हाथियों के शरण लेने से खेती कार्य को भी खासा प्रभाव पड़ रहा है।
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