
हजारीबाग: ईचाक प्रखंड अंतर्गत उच्च विद्यालय बरकाखुर्द के प्रांगण में विज्ञान प्रदर्शनी सह पाक कला प्रदर्शनी तथा सेवानिवृत शिक्षकों, लिपिक एवं आदेशपाल का विदाई समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद अध्यक्ष हजारीबाग उमेश मेहता उपस्थित हुए। जिन्होंने स्कूल के विद्यार्थियों तथा उपस्थित गणमान्य लोगों के बीच विज्ञान एवं पाक कला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विज्ञान हमें जीवन में संघर्ष करना सिखाता है इसके बिना जीवन की परिकल्पना करना संभव नही है।
स्थानीय पंचायत समिति सदस्य प्रदीप मेहता ने संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। स्थानीय मुखिया सीता कुमारी ने भी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे ही देश के भविष्य हैं। और इस प्रकार के आयोजन से बच्चों में वैज्ञानिक सोच का विकास होता है। विद्यालय के अध्यक्ष सुरेश मेहता ने कहा कि बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना हमारा मूल कर्तव्य है। जिस पर हम आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। विद्यालय के सचिव मिथलेश मेहता ने संबोधित करते हुए कहा कि स्वस्थ आहार के बिना हम स्वस्थ जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं।
कार्यक्रम को मुख्य रूप से पूर्व प्रमुख कौशल नाथ प्रसाद मेहता, पूर्व मुखिया इंद्रदेव प्रसाद मेहता, पूर्व सचिव ओम प्रकाश मेहता, मंगुरा पंचायत के पूर्व मुखिया मनोज मेहता, पूर्व प्रधानाध्यापक अर्जुन प्रसाद, बैद्यनाथ प्रजापति, पूर्व शिक्षक गोविंद मिश्रा, देवनाथ मेहता, जयप्रकाश मेहता, सुरेंद्र मेहता, नरेश रजक, डॉ रामचंद्र मेहता आदि लोगों ने संबोधित किया। उच्च विद्यालय बरकाखुर्द से सेवानिवृत शिक्षक गोविंद मिश्रा, देवनाथ मेहता, रामटहल मेहता, अर्जुन प्रसाद, श्यामानंद मेहता, बैद्यनाथ प्रजापति, लिपिक – जमुना मेहता तथा आदेश पाल- देवनाथ मेहता को अतिथियों के द्वारा शाॅल ,आम का पौधा एवं श्रीमद् भगवत गीता का पुस्तक देकर भावभीनी विदाई दी गई।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक बच्चू राम, ओमप्रकाश मिश्रा, राधेश्याम मेहता, धीरेंद्र मेहता, राजदेव यादव , सुबोध प्रसाद, शशि कुमार, लिपिक – मधु कुमारी आदेशपाल- युगल यादव ने अहम भूमिका निभाई। प्रदर्शनी में सनफ्लावर ग्रुप ने ज्वालामुखी उद्भेदन पर विज्ञान का मॉडल बनाया और पाक कला के अंतर्गत मोमोज बनाएं , चमेली ग्रुप ने वायु प्रदूषण पर मॉडल बनाया और पाक कला के अंतर्गत नानपुरी और छोला बनाया गया। लोटस ग्रुप द्वारा जल प्रदूषण पर मॉडल बनाया गया और आलू चौप बनाया गया। पलाश ग्रुप द्वारा जल संचयन और स्पाइरल पोटैटो को बनाया गया और इस प्रकार अनेकों मॉडल बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का समापन विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक श्रीकांत मेहता ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बच्चों में वैज्ञानिक प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है। साथ ही व्यावसायिक कौशल का भी विकास होता है। पुरखों के द्वारा दी गई यह धरोहर शिक्षा के मंदिर को हम सब मिलकर सींचने का प्रयास करेंगे।
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