डकरा : बिहार कोलियरी कामगार यूनियन सीटू के जोनल अध्यक्ष रतिया गंझु ने महाप्रबंधक को पत्र लिखकर मांग की है कि रैयत विस्थापित एवं उनके आश्रितों को एनके एरिया के सभी परियोजना में होने वाले ठेकेदारी एवं लोकल सेल आदि कार्यों में 80% कार्य दिया जाए। साथ ही रतिया गंझु ने कहा कि जमीन को तो प्रबंधन लेकर अपने उत्खनन कार्य करके बर्बाद कर चुकी और कुछ में उत्खनन कार्य हो रहा है साथ ही कोयले के प्रदूषण से आसपास के खेतों में कृषि कार्य करने में भी दुश्वारियां आ रही है कोल्डस्ट से जमीन की उर्वरा क्षमता में काफी गिरावट आई है जिससे कृषि कार्य करना भी आसान नहीं रह गया है खेत रहते खेती ना होने से बेरोजगारी की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिससे रैयत और विस्थापितों में काफी आक्रोश है और यह भावना दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उनके बेरोजगारी एवं गुस्से को शांत करने का एक ही उपाय है उन्हें कुछ रोजगार उपलब्ध करा कर दिया जाए आप के सभी परियोजना में एक कोऑपरेटिव बनाया जाए उसके बाद उसी के माध्यम से सभी तरह के बाहरी कार्यों का 80% ठेकेदारी एवं और अन्य कार्य रैयत विस्थापित एवं उनके आश्रितों को दिया जाए। रैयत विस्थापित के बेरोजगारी को देखते हुए लोकल सेल कोयला लोडिंग जो पेलोडर से होता है उसे हैंड लोडिंग के द्वारा किया जाए। ताकि उन्हें रोजगार के अवसर मिले साथ ही परियोजना से हो रहे लोकल सेल आदि कार्यों में भी रैयत विस्थापितों को प्राथमिकता दिया जाए। अगर रैयत विस्थापितों की इस समस्याओं पर एक माह के भीतर पहल नहीं किया गया तो बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के बैनर तले रैयत विस्थापित से जुड़े लोग आंदोलन पर उतारू हो जायेगे और इसकी सारी जवाबदेही एनके प्रबंधन की होगी।
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