नेपाल में Gen Z आंदोलन की वजह से राजनीतिक संकट गहराया हुआ था और इस विरोध के माहौल में सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार की प्रमुख बनाया गया. केपी शर्मा ओली की सरकार गिरने के बाद आंदोलनकारी चाहते थे कि कोई ऐसा नेता नेतृत्व करे जो निष्पक्ष हो और साफ छवि वाला हो.
लगभग सभी राजनीतिक दल, सेना, आंदोलनकारी गुटों और राष्ट्रपति की सहमति के बाद सुशीला कार्की का नाम फ़ाइनल हुआ था. शुक्रवार शाम को संसद को भंग कर दिया गया था. सुशीला कार्की सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी थीं और उनकी पहचान भ्रष्टाचार विरोधी रुख और वंचितों के लिए अलग सोच रखने वाले न्यायाधीश के रूप में रही थी.
बता दें कि सुशीला सरकार की तरफ से 4 मार्च को देश में आम चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया गया है. पहली कैबिनेट बैठक का एजेंडा चुनाव की घोषणा है. मतलब 6 महीने में आम चुनाव कराने की घोषणा होगी.
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