हजारीबाग के ईचाक प्रखंड अंतर्गत डाढा पंचायत के डाढा, दिघी बस्ती, आरा और फूफंदी गांव में विगत दो दिनों से लगभग 29 जंगली हाथियों का आतंक लगातार जारी है । बताते चले बीते रात जंगली हाथियों ने आरा गांव में जमकर उत्पाद मचाया है । जिसमें ग्रामीण अशोक मेहता, कृष्णा मेहता, गंदौरी दास, नरेश मेहता का लगभग 6 एकड़ में लगे धान के फसल को बर्बाद कर दिए। इसके अलावे आरा गांव के ही ललिता देवी, पति प्रकाश भुईया व संगीता देवी पति, टिंकू भुईया और अशोक मेहता का कच्चा मकान हाथियों ने ध्वस्त कर दिया। देर रात्रि हाथियों का आगमन से ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल बन गया था और ग्रामीण पड़ोसी के छत पर पूरी रात रतजग्गा करते रहे नजर आए। इधर घरों में घुसकर हाथियों ने सारे अनाज चैट कर गए। इसकी सूचना डाढा पंचायत के मुखिया सुनीता देवी के अलावे युवा समाजसेवी सह मुखिया प्रतिनिधि दयानंद मेहता को मिली। उन्होंने आरा गांव पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना और आर्थिक मदद के अलावे सुखे अनाज वितरित किया। मुखिया प्रतिनिधि दयानंद मेहता ने बताया कि प्रत्येक वर्ष इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक इन गरीब परिवारों पर देखने को मिलता है। पिछले वर्ष भी आरा गांव के हरिजन परिवार के कई घरों को ध्वस्त कर दिया था। लेकिन अभी तक वन विभाग के द्वारा कोई मुआवजा नहीं मिला है । उन्होंने वन विभाग से पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिलाने की बात कही है । साथ ही उन्होंने कहा है कि विभाग के द्वारा हाथियों को इस क्षेत्र से भगाने का भरपूर प्रयास किया जाए। ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोग जो दहशत में जी रहे हैं। उन्हें थोड़ी चैन की नींद मिल सके। उन्होने ने बिजली विभाग से मांग किया है कि गांव में लगे सभी बिजली के पोल पर स्ट्रीट लाइट लगाया जाए, ताकि रात के समय में ग्रामीणों को आवागमन में अंधकार जैसी समस्या का ना सामना करना पड़े। इसके अलावे जंगली क्षेत्र के आसपास में हो रहे गतिविधि का प्रत्यक्ष रूप से पता चल सके। हाथियों के द्वारा मचाए जा रहे उत्पाद को लेकर वन विभाग के अधिकारी व वन कर्मियों ने ग्रामीणों से अपील किया है कि कोई भी ग्रामीण हाथियों के साथ छेड़छाड़ ना करें, बल्कि जिन गांवों में हाथी प्रवेश करते हैं , तुरंत इसकी सूचना अपने वन प्रक्षेत्र के अधिकारी और वन कर्मियों को दे। साथ ही ग्रामीण एकजुट होकर मसाल जलते हुए भागने का प्रयास करें। हाथी के साथ छेड़छाड़ करने पर काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है।
ब्यूरो रिपोर्ट हजारीबाग

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