हजारीबाग: समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ आजीवन संघर्ष करने वाली देश की प्रथम महिला शिक्षिका, महान समाजसेवीका एवं नारी मुक्ति आंदोलन के प्रणेता सावित्रीबाई फुले की जयंती सादे समारोह में आज जगन्नाथ महतो इंटर महाविद्यालय उरूका में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य बसंत कुमार तथा संचालन प्रोफेसर राजेंद्र यादव ने किया ।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्या बसंत कुमार ने कहा कि- सावित्रीबाई फुले उस दौर में कैसे स्त्रियों के अधिकारों ,अशिक्षा, छूआ- छूत ,सती प्रथा, बाल या विधवा विवाह जैसी कुरीतियों पर आवाज उठाई होगी या चिंतन करने की बात है।वही कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रो.राजेंद्र यादव ने कहा कि सावित्रीबाई फुले कहा करती थी कि-“स्वाभिमान से जीने के लिए पढ़ाई करो,पाठशाला ही इंसानों का सच्चा गहना है।”कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षक प्रतिनिधि प्रो.विजय कुमार दास ने कहा कि जिस तरह 1848 में लाख विरोध का सामना करने के बाद भी उन्होंने देश में पहला महिला विद्यालय स्थापित करने में सफलता पाई बहुत कुछ बता गई। कार्यक्रम को प्रोफ़ेसर राम प्रकाश मेहता, प्रोफ़ेसर उमेश कुमार, प्रोफ़ेसर प्रदीप कुमार, प्रोफ़ेसर प्रेमचंद कुमार पंत ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में प्रदीप कुमार ,जयप्रकाश कुमार, सुरेंद्र मिश्र ,भुनेश्वर प्रसाद मेहता, संतोष कुमार ,पूनम कुमारी ,शंभू कुमार,के अलावे महाविद्यालय के छात्र छात्रा ने भी भाग लिया जिसमें निशांत कुमार ,रविंद्र कुमार, सोनी कुमारी ,काजल कुमारी ,पीहू कुमारी ,विशाखा,उपासनाआदि ने भी भाग लिया।
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