मां वत्सला भवानी की प्रतिमा स्थापित कर नोनियां चौहान समाज के लोगों ने किया कुलदेवी की वार्षिक पूजा*

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डकरा – हिंदू धर्म में कुलदेवता और कुलदेवी का स्थान सदैव से रहा है। प्रत्येक हिन्दू परिवार किसी न किसी ऋषि के वंशज हैं, जिनसे उनके गोत्र का पता चलता है। बाद में कर्मानुसार इनका विभाजन वर्णों में हो गया। हर जाति वर्ग किसी न किसी ऋषि की संतान हैं और उन मूल ऋषि से उत्पन्न संतान के लिए वे ऋषि या ऋषि पत्नी कुलदेव और कुलदेवी के रूप में पूज्य हैं। पूर्वजों के खानदान के वरिष्ठों ने अपने लिए उपयुक्त कुलदेवता अथवा कुलदेवी का चुनाव कर उन्हें पूजित करना शुरू किया था ताकि एक आध्यात्मिक और पारलौकिक शक्ति कुलों की रक्षा करती रहें। उक्त बातें भाजपा नेता सह समाज सेवी कृष्णा चौहान ने मोहन नगर में आयोजित माँ वव्सल भवानी की वार्षिक पूजा के दौरान कही ।उन्होने कहा कि आस्था और विश्वास के प्रतीक मोहन नगर में 14 जनवरी को मां वत्सला भवानी की प्रतिमा के साथ बगल में महर्षि वत्स, नंदनी गाय एवं बछड़ा का मूर्ति स्थापित कर द्वितीय वर्ष बड़े ही धूमधाम का साथ पूजा किया गया।नोनियां चौहान की कुलदेवी मां वत्सला भवानी की वार्षिक पूजा महाउत्सव में एनके पिपरवार कोयलांचल के राय, चूरी, मानकी, बचरा, सुभाष नगर, डकरा, मोहन नगर, केडी, खलारी, करकट्टा, धमधमियां, रांची के अलावे पलामू एवं बिहार जिला सहित अन्य जगहों से नोनियां चौहान एवं राजनीतिक, सामाजिक, मजदूर संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों सहित अन्य लोग इस पूजा में शामिल हुये। सभी श्रद्धालु यहां आकर मां की प्रतिमा पर माथा टेक पूजा अर्चना किया। इस पूजा के मुख्य पुरोहित महर्षि रामनिवासा आचार्य के साथ जजमान के रूप में नंदलाल चौहान, रामबली चौहान, कमलेश चौहन,नशीब चौहान, जोगेंद्र चौहान,अभिषेक चौहान, रामाशीष चौहान, शिवशंकर चौहान, अदित्य राज,अजय चौहान,अरूण चौहान, जगदीश चौहन, पूजा में शामिल हुये। पूजा के पश्चात पाठा बलि भी दी गई। वही इस पूजा कार्यक्रम के दौरान कोविट नियमों का पालन करते हुये करीब 10 हजार लोगों के बीच खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया गया।

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