झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार आज जनजातीय समुदाय को एक और बड़ी सौगात दे सकती है। सोमवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में सोहराय पर्व पर दो दिनों के अवकाश को मंजूरी देने पर निर्णय संभावित है। इससे पहले राज्य सरकार ने सरहुल और करम जैसे प्रमुख जनजातीय त्योहारों पर भी दो-दिवसीय अवकाश घोषित किया था। आज की बैठक में सोहराय अवकाश प्रस्ताव के साथ-साथ पेसा एक्ट से जुड़ी नियमावली भी कैबिनेट में प्रस्तुत की जाएगी। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा होने की संभावना है।
सोहराय अवकाश पर सरकार का फोकस
सोहराय पर्व झारखंड के आदिवासी समाज का एक प्रमुख त्योहार है। समुदाय की आस्था को ध्यान में रखते हुए सरकार दो दिन का अवकाश देने पर सहमति बना सकती है। यदि कैबिनेट मंजूरी देती है, तो यह राज्य में जनजातीय त्योहारों के सम्मान को बढ़ावा देने वाला एक और महत्वपूर्ण कदम माना जाएगा। सोहराय के साथ-साथ बैठक का दूसरा अहम एजेंडा पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 पेसा एक्ट से जुड़ी नियमावली है। इसे झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2001 के तहत लागू करने के लिए कैबिनेट की स्वीकृति ली जा सकती है। सरकार के अनुसार, पेसा नियमावली लागू होने के बाद अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा को अधिक अधिकार और सहभागिता मिल सकेगी, जिससे आदिवासी स्वशासन को और मजबूत आधार मिलेगा।
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