हजारीबाग–प्रभु ईसा के येरुसलेम में प्रवेश करने की घटना को याद में मनाया में मनाया जाता है। खजूर रविवार (पाम संडे ) पूरे विश्व में ईसाई समुदाय द्वारा विधि विधान से मनाया जाता है। इसी क्रम में कैथोलिक ईसाई समुदाय के बीच बिशप आनंद जोजो के नेतृत्व में प्रभु का रूपान्तरण महागिरिजाघर में खजूर डाली की पवित्र जल से आशीष के साथ शुभारंभ किया गया। बिशप आनद जोजो पल्ली, पुरोहित फादर अंटोनी, फादर रेमंड सोरेंग, फादर विजय, फादर प्रदीप व फादर अब्राहम ने सर्वप्रथम पवित्र मिस्सा पूजा संत रॉबर्ट मध्य विद्यालय के प्रांगण में प्रारम्भ किया, जहां विश्वासियों द्वारा लाई गई खजूर डाल की आशीष पवित्र जल छिड़क बिशप आनंद ने किया। विश्वासियों द्वारा प्रभु येसु की जय जयकार कर विश्वासी जुलूस के साथ महागिरजाघर में प्रवेश किया। प्रभु येसु के येरुसलेम में प्रवेश करने पर लोगों द्वारा ख़ुशी में स्वागत किया जाता है विश्वासी कोमल खजूर की डाल और अपने कपडे को रास्ते में बिछा कर अपने प्यार का इज़हार करते हैं। चालीसा के अंतिम पड़ाव में पवित्र सप्ताह का प्रारम्भ खजूर रविवार से होता हैं। इस सप्ताह में पवित्र तेल विलेपन पूजा, पुण्य बृहस्पतिवार व पुण्य शुक्रवार का विशेष मिस्सा पूजा किया जाएगा। बिशप आनंद जोजो ने अपने सन्देश में कहा कि प्रभु येसु ने मानव जाति के कल्याण के लिए अपने आप को बलिदान कर दिया और प्रेम, दया व क्षमा का सन्देश दिया। मिस्सा पूजा का भक्ति गीत संचालन फादर प्रबल के नेतृत्व में दीपूगढ़ा ईसाई समुदाय द्वारा किया गया। पूजा स्थल की साफ सफाई सजावट संत रॉबर्ट और हॉली क्रॉस द्वारा किया गया। समारोह को सफल बनाने में फरदीनन्द लकड़ा, कैथोलिक सभा, महिला संघ और युवा संघ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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