गढ़वा उपायुक्त दिनेश यादव ने शनिवार को मेराल प्रखंड का दौरा करते हुए विभिन्न सरकारी योजनाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान कई योजनाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई, जिस पर उन्होंने गहरी नाराज़गी व्यक्त की। निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने सबसे पहले आदिवासी कल्याण छात्रावास निर्माण कार्य का जायज़ा लिया। इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया, जहाँ नामांकित बच्चों की संख्या तीन दर्जन से अधिक थी, परंतु उपस्थित केवल पांच बच्चे मिले। इस पर उपायुक्त ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए सेविका और सहायिका से स्पष्टीकरण मांगा।
आगे, उपायुक्त ने मनरेगा और 15वें वित्त आयोग की योजनाओं का स्थल निरीक्षण किया। जांच के दौरान कार्य की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पाई गई और संबंधित अधिकारियों द्वारा संतोषजनक जानकारी नहीं दी जा सकी। इस पर उपायुक्त ने मेराल प्रखंड के कोऑर्डिनेटर रश्मि लकड़ा और कनिष्ठ अभियंता आनंद कृष्ण को फटकार लगाते हुए दोनों से स्पष्टीकरण तलब किया।
निरीक्षण के दौरान एक विद्यालय में बच्चों के लिए लगाए गए झूले और अन्य सामग्री बंद कमरे में रखी मिली, जिस पर उपायुक्त ने विद्यालय प्रबंधन को चेतावनी दी और सुधार के निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोपरि है। किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के इस दौरान उपायुक्त ने अधिकारियों को योजनाओं की गुणवत्ता और निगरानी पर विशेष ध्यान देने का निर्देश भी दिया।
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