झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन आज घाटशिला के तामुकपाल गांव पहुंचे, जहां उन्होंने सड़क दुर्घटना के पीड़ित परिवार के दुख को साझा करने का प्रयास किया। इस दौरान उनके साथ सांसद विद्युत वरण महतो, भाजपा जिलाध्यक्ष चंडी चरण साव, अभय सिंह, लखन मार्डी समेत कई भाजपा नेता उपस्थित थे।
चंपाई सोरेन ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से घटना की जानकारी ली और प्रशासन के असंवेदनशील रवैये पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराना न केवल संवेदनहीन, बल्कि शर्मनाक भी है। प्रशासनिक अधिकारियों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए था।
उन्होंने पीड़ित परिवार को यथासंभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि वे हर परिस्थिति में परिवार के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण मृतक के परिजनों को शव के साथ प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा, जिसे आसानी से टाला जा सकता था। उन्होंने जिला प्रशासन को एफआईआर वापस लेने और परिजनों की सहायता हेतु आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि हाल ही में घाटशिला के तामुकपाल में हुई एक सड़क दुर्घटना में आदिवासी समाज के दो लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद नाराज ग्रामीणों ने हाइवे जाम कर दिया। प्रशासन ने मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया, लेकिन बाद में न केवल अपने वादे से मुकर गया, बल्कि प्रदर्शन में शामिल दर्जनों लोगों पर नामजद और 30–35 अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।
प्रशासन के इस रवैये के विरोध में ग्रामीण मृतकों के शव के साथ एसडीओ कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए, लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। बाद में, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के उपायुक्त को फोन करने के बाद प्रशासन हरकत में आया और पीड़ित पक्ष से बात कर धरना समाप्त करवाया।
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