
सद्दाम खान लोहरदगा ब्यूरो
कुडू प्रखंड क्षेत्र के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बड़की चाँपी में सोमवार को गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। उत्सव का शुभारंभ प्रधानाचार्य मनोहर मोदी एवं वरिष्ठ आचार्य नरेश साहू, लाल गौरी शंकर नाथ शाहदेव द्वारा दीप प्रज्वलित व महर्षि वेदव्यास के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। महर्षि वेदव्यास की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए प्रधानाचार्य मनोहर मोदी ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को महाभारत के रचयिता वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, इसी तिथि को गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया जाता है। महर्षि वेदव्यास पौराणिक काल में ब्रह्मसूत्र, महाभारत, श्रीमद्भागवत और अठ्ठारह पुराण जैसे अद्भुत साहित्य की रचना करने वाले महान व्यक्तित्व थें। उन्हें आदि कवि कहा जाता है। गुरु पथ प्रदर्शन होते हैं, वही हमारे भविष्य को गढ़ने का कार्य करते हैं, अतः उनका सम्मान आवश्यक है। आचार्य लाल गौरी शंकर नाथ शाहदेव ने कहा कि भैया बहन महर्षि वेदव्यास के जीवनी से प्रेरणा लेते हुए जीवन में अनोखा कार्य करें और हर सफलता की ऊंचाई पर अपने आचार्यों के त्याग और समर्पण को जरूर याद करें। बहन आस्था कुमारी और विद्या कुमारी ने गुरुजनों को समर्पित संस्कृत श्लोक गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः को सुना कर इसका अर्थ बताया। सभी भैया बहनों ने महर्षि जी की चित्र पर पुष्पार्चन करते हुए, आचार्य आचार्या का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया। अंत में कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा आचार्य नरेश साहू ने किया। मौके पर आचार्य बालेश्वर साहू, रविंद्र कुमार राम, अजय कुमार चौरसिया, रोशन शर्मा, आकाश कुमार, सुकेश साहू, आचार्या रूधा देवी, सोनी देवी, कविता पांडे, तनु प्रिया, आकांक्षा कुमारी, श्वेता कुमारी एवं भैया बहन उपस्थित थें।
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