आईआईएम रांची के राजभाषा प्रकोष्ठ कि ओर से रविवार को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के मौके पर ‘साहित्य संवाद 2025’ का संचालन हुआ. इसमें बतौर अतिथि वक्ता साहित्यकार एवं कथाकार दिव्य प्रकाश दुबे, सत्य व्यास और पंकज मित्र शामिल हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता आईआईएम रांची के निदेशक प्रो दीपक श्रीवास्तव ने की. स्वागत संबोधन में प्रो दीपक ने समकालीन हिंदी लेखनी में युवाओं की भागीदारी की सराहना की. साथ ही आज के समय में राजभाषा हिंदी की अहमियत के तीन कारण दिए. उन्होंने प्रबन्धन के छात्रों को हिंदी कैसे जनमानस की भाषा के साथ सहज संवाद का माध्यम है, से रूबरू कराया. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार बढ़ रही हिंदी भाषियों की संख्या, को विविधता में समानता का रूप बताया. वहीं, वैश्विक दौर में आगे बढ़ने के लिए हिंदी के साथ क्षेत्रीय भाषा को सिखने के लिए प्ररित किया.
हिंदी को अपनाये अंग्रेजी का कौशल जाने
साहित्य संवाद का संचालन प्रो सत्यम ने किया. उन्होंने वक्ताओं से प्रबंधन के क्षेत्र में हिन्दी की उपयोगिता और महत्त्व पर चर्चा का संचालन किया. इसपर दिव्य प्रकाश ने कहा कि प्रबंधक बनने के बाद, जमीनी हकीकत को समझने के लिए लोगों से संवाद स्थापित करना जरूरी है, इसमें हिंदी भाषा कारगर है. सत्य व्यास ने विद्यार्थियों को हिंदी के शब्दों से दोस्ती करने और बोली में नयापन लाने की बात कही. वहीं, पंकज मित्र ने हिंदी को आत्मीय भाषा बताया, कहा की प्रबन्धन के छात्र मानव संसाधन को समझने और विभिन्न पेशे के लोगो से काम लेने के लिए हिंदी भाषा को अपनी ढाल बना सकते हैं.
कहानी लिखना शुरू करने से पहले उसका अंत तय करें
वक्ताओ ने विद्यार्थियो को लेखनी के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित किया. कहा कि लिखने के लिए भाषा पर पकड़ बनाना ज़रूरी है. वक्ताओ ने कथा-कहानी लिखने के लिए पहले अपनी रचना से कहानी का अंत तय करने और उसे डायरी के अंत में लिखने की बात कही, इसके बाद पहले पन्ने पर लौट कहानी को नये स्वरुप में पिरोने की कोशिश करने की बात की. इससे अच्छी रचना को आकार देने में कारगर सिद्ध होंगे.
प्रतियोगिता के विजेताओ को मिला सम्मान, हिंदी पुस्तक प्रदर्शनी भी लगायी गयी
राष्ट्रीय हिंदी दिवस के मौके पैर संस्थान के लर्निंग रिसोर्स सेंटर (लाइब्रेरी) में हिंदी पुस्तकों की एक विशेष प्रदर्शनी लगायी गयी. इसमें हिंदी साहित्य के विभिन्न प्रकाशकों की पुस्तकों से विद्यार्थी रूबरू हुए. कार्यक्रम में दूसरे सत्र में हिंदी पखवाड़ा के तहत आयोजित कविता पाठ प्रतियोगिता का संचालन हुआ. इसमें संस्थान के कर्मियों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने हिंदी के स्वरुप, देश की भाषा हिंदी हम हिंदुस्तानी, हिंदी भाषा का भाव जैसी स्वरचित कविता पाठ की. समापन पर विजेताओ की घोषणा हुई, इसमें अली आजाद प्रथम, सीमा कुमारी द्वितीय और अनमोल रोशन कुजूर तृतीय विजेता चुने गये. वहीं, संस्थान में लगातार हिंदी भाषा को अपनाकर काम करने वाले कर्मी मिथिलेश प्रसाद सिंह को हिंदी सेवा का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर विद्यार्थियों समेत प्राध्यापक व शिक्षकेत्तर कर्मी उपस्थित रहे.
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