
2016 से 2021 तक पासआउट विद्यार्थियों को दी गई उपाधि
ज्ञान वही है, जो आपके किरदार में झलकता है : राज्यपाल रमेश बैस
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, परिश्रम से ही मिलती है सफलता : मनीष जायसवाल
विद्यार्थियों का समावेशी विकास विश्वविद्यालय की प्राथमिकता : कुलाधिपति संतोष चौबे
हजारीबाग। आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग के तरबा-खरबा स्थित मुख्य कैंपस में सोमवार को आयोजित विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में स्नातक एवं स्नातकोत्तर के 148 विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस के हाथों उपाधि प्रदान की गई, जिसमें 56 मेधावियों को गोल्ड मेडल भी प्रदान किया गया।
इससे पूर्व समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस व विशिष्ट अतिथि सदर विधायक मनीष जायसवाल का विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर विश्वविद्यालय कुलाधिपति संतोष चौबे के परंपरागत रूप से भव्य स्वागत के बाद बीएसएफ बैंड की ओर से भी स्वागत किया गया। इसके बाद शैक्षणिक शोभायात्रा निकाली गयी, जिसका नेतृत्व विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने किया। शैक्षणिक शोभायात्रा में मुख्य अतिथि माननीय राज्यपाल रमेश बैस, कुलाधिपति संतोष चौबे, विशिष्ट अतिथि सदर विधायक मनीष जायसवाल, प्रतिकुलाधिपति अभिषेक पंडित, कुलपति डॉ पीके नायक, डीन एडमिन डॉ एसआर रथ समेत सभी संकायों के संकाय अध्यक्ष थे। प्रोसेशन के समारोह स्थल पहुंचते ही समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस, विश्वविद्यालय कुलाधिपति संतोष चौबे व विशिष्ट अतिथि सदर विधायक मनीष जायसवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। सरस्वती वंदना के बाद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर मंच पर स्वागत किया। साथ ही विशिष्ट अतिथि सदर विधायक मनीष जायसवाल को विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर समारोह में स्वागत किया।
इस मौके पर राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस राज्य के विद्यार्थियों के पास हर क्षेत्र में दक्षता है, केवल उन्हें बेहतर मार्गदर्शन की जरूरत है। सभी गोल्ड मेडल व उपाधि प्राप्त कर्ताओं को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विद्या का चुराया या छीना नहीं जा सकता। जिसके पास विद्या है, वह नदियों के समान आगे बढ़ता जाता है। व्यावहारिक शिक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञान वही, जो आपके किरदार में झलकता है। शिक्षा हमारे सोंचने के दायरे को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रयोगात्मक भी होनी चाहिए और वैसे नए विषयों की पढ़ाई होनी चाहिए जो छात्र छात्राओं के लिए विशेष उपयोगी हो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, प्रति कुलाधिपति, कुलपति, कुलसचिव समेत विश्वविद्यालय के समस्त सदस्यों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में यह विश्वविद्यालय तेजी से विकास के मार्ग पर अग्रसर होता हुआ देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में जाना जाएगा।
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, परिश्रम से ही मिलती है सफलता : मनीष जायसवाल
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि जिस वक्त आईसेक्ट विश्वविद्यालय की नींव रखी जा रही थी और विधानसभा से पास हो रहा था, उस वक्त मैं भी उस विधानसभा में मैं भी एक सदस्य के तौर पर मौजूद था और आज जब विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है, ऐसे वक्त में यहां मौजूद हूं। उन्होंने विद्यार्थियों से मुखातिब होते हुए कहा कि सोंच हमेशा ऊंचा रखना चाहिए और मेहनत को अपनी कुंजी बनानी चाहिए, क्योंकि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। अगर आप सच्चे मन और लगन से सही दिशा में मेहनत करेंगे तो कामयाबी आपके कदम चूमेगी।
विद्यार्थियों का समावेशी विकास विश्वविद्यालय की प्राथमिकता : कुलाधिपति संतोष चौबे
प्रथम दीक्षांत समारोह के दौरान मंच से संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने कहा कि हजारीबाग की पावन भूमि पर 16 मई 2016 को आईसेक्ट विश्वविद्यालय की स्थापना हुई और अल्पकाल में ही इसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय में शोध और नवाचारों पर बल दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय में कला एवं मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य संगणक और कृषि की शिक्षा पंचमुखी दीपक के समान प्रकाशमान है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विश्वविद्यालय ने कई सरकारी महाविद्यालयों के साथ कौशल विकास के अनुबंध किए हैं, जिसका एकमात्र लक्ष्य युवाओं का समावेशी विकास करते हुए समाज और देश की समस्याओं के लिए प्रबुद्ध जागरूक, जानकार और सक्षम बनाना है ताकि युवा, नागरिकों का उत्थान कर सके और समस्याओं के सशक्त समाधान ढूंढ कर उन साधनों को कार्यान्वित करके एक प्रगतिशील, सुसंस्कृत, उत्पादक और समृद्ध राष्ट्र का प्रतिनिधित्व कर सके।
शिक्षा की गुणवत्ता विश्वविद्यालय के लिए अहम : कुलपति डॉ पीके नायक
दीक्षांत समारोह में अपने स्वागत भाषण के दौरान आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक विश्वविद्यालय की कई उपलब्धियां गिनाई और कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता आईसेक्ट विश्वविद्यालय की प्राथमिकता में शामिल है। साथ ही विश्वविद्यालय खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियां समेत अन्य गतिविधियां विद्यार्थियों के समावेशी विकास में सहायक साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जहां एक विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था के साथ ऑनलाइन प्लेसमेंट की सुविधा मुहैया कराई, वहीं दूसरी ओर दारू प्रखंड के महेशरा-झुमरा स्थित राजकीय मध्य विद्यालय महेशरा में जिला प्रशासन के सहयोग से डाल भात केंद्र की शुरुआत की और पुरे एक माह तक 200 से अधिक शेयर जरुरतमंद को नि:शुल्क भोजन कराया। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड एजुकेशन सम्मिट अवार्ड, नेशनल एजुकेशन अवार्ड, आइकॉन ऑफ इंडियन एजुकेशन एक्सिलेंस अवार्ड, आइसोचेम अवार्ड समेत दर्जनों अवार्ड से आईसेक्ट विश्वविद्यालय को अबतक नवाजा गया है, जो विश्वविद्यालय के खूबियों में चार चांद लगाता है। मंच संचालन राजनीति विज्ञान की प्राध्यापिका प्रीति व्यास व धन्यवाद ज्ञापन……….. ने किया।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
दीक्षांत समारोह में प्रायोजी संस्था के सचिव सिद्धार्थ चतुर्वेदी, अविवा इंडिया के इंडीपेंडेंट डायरेक्टर सुरेश महालिंगम, सीवी रमण विश्वविद्यालय के कुलसचिव, उपायुक्त नैन्सी सहाय, एसएसपी मनोज रतन चोथे समेत विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, एचओडी, प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं व कर्मियों के साथ साथ बड़ी संख्या में अतिथि व विद्यार्थी मौजूद थे।
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