साहिबगंज जिले के स्पेशल ब्लॉक उधवा में गरीब मजदूरों और किसानों के शोषण और भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बेगमगंज गांव के निवासियों ने श्रम, रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग, झारखंड सरकार को शिकायत भेजते हुए दावा किया है कि कुछ सर्किल इंस्पेक्टर (CI) और कर्मचारी सरकारी सेवाओं के बदले अवैध वसूली कर रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, दाग/खेसरा सुधार, रजिस्ट्रेशन और म्यूटेशन जैसे बुनियादी सरकारी कार्यों के लिए इन अधिकारियों की ओर से ₹5,000 से लेकर ₹1,00,000 तक की रिश्वत मांगी जाती है। यह वे सेवाएं हैं, जो हर नागरिक का कानूनी अधिकार हैं।
शिकायत में कहा गया है कि कई अधिकारी ब्लॉक कार्यालय में केवल हाजिरी लगाने पहुंचते हैं और उसके बाद निजी घरों से बिचौलियों के माध्यम से सारा काम करवाते हैं। जो ग्रामीण पैसे नहीं दे पाते, उन्हें डराया-धमकाया जाता है और उनका काम लटका दिया जाता है। वहीं प्रभावशाली लोगों के लिए सारे कार्य प्राथमिकता के साथ किए जाते हैं।
ग्रामीणों ने इसे संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 300A का उल्लंघन बताया है और कहा है कि यह आचरण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। ग्रामीणों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार कहा है कि सरकारी अधिकारी जनता के संसाधनों के ट्रस्टी होते हैं, लेकिन उधवा प्रखंड में यह भरोसा पूरी तरह टूट चुका है।
शिकायतकर्ताओं ने सरकार से मांग की है कि दोषी अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही उच्च स्तरीय जांच कर बिचौलियों की भूमिका खत्म करने, और डिजिटाइज्ड सिस्टम लागू करने की व्यवस्था की जाए ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। अब तक इस पूरे मामले में सरकार या प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश और निराशा दोनों बढ़ती जा रही है।
Leave a comment