धनबाद जिले के झरिया स्थित लोदना के 8 नंबर क्षेत्र में बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) का एक पुराना और जर्जर आवास लगातार हो रही बारिश के बीच अचानक गिर गया। यह मकान काफी समय से खाली पड़ा था, लेकिन बारिश से बचने के लिए सात लोग, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे, इसके अंदर चले गए। अचानक ढांचे के गिर जाने से सभी लोग मलबे में दब गए।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। प्रशासन ने भी तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करवाया। जेसीबी मशीन की मदद से सातों लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया। हालांकि, इस हादसे में चिराग गोपाल और सुषमा समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को 108 एम्बुलेंस के जरिए शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के समय एक व्यक्ति लाल बाबा वहां से पुरानी ईंटें निकाल रहा था। बारिश तेज होने पर कुछ और लोग व बच्चे भी वहां पहुंच गए थे। उसी समय भवन ढह गया और सभी मलबे में दब गए। हादसे के बाद स्थानीय लोगों में बीसीसीएल प्रबंधन के प्रति गहरा आक्रोश देखने को मिला। उनका आरोप है कि यह घटना कंपनी की लापरवाही का नतीजा है। जर्जर मकान को लेकर कई बार शिकायतें की गई थीं, लेकिन उसे समय रहते ढहाया नहीं गया। लोगों का कहना है कि अगर समय पर कार्रवाई होती, तो मासूमों की जान न जाती।
घटना की जानकारी मिलते ही झरिया की विधायक रागिनी सिंह अस्पताल पहुंचीं और घायलों से मुलाकात कर उनका हालचाल लिया। उन्होंने प्रशासन और बीसीसीएल से मामले की जिम्मेदारी तय करने और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की। वहीं, स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही क्षेत्र के अन्य जर्जर भवनों को ध्वस्त नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करेंगे। हालात को देखते हुए प्रशासन ने इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया है और घायलों के इलाज की निगरानी की जा रही है।
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