रांची | प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप से एनआईए और झारखंड पुलिस आठ दिनों तक पूछताछ करेगी. कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है. सोमवार को दिनेश गोप को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इस दौरान एनआईए ने दिनेश गोप को 15 दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की इजाजत कोर्ट से मांगी है, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ आठ दिनों की रिमांड की मंजूरी दी है|
लंबे समय से आतंक का पर्याय बने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप अपना भेष बदलकर (सरदार के भेष में) रह रहा था. इसकी सूचना आईबी को मिली. सूचना के आधार पर एनआईए ब्रांच रांची की टीम ने कार्रवाई करते हुए दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद दिनेश गोप को दिल्ली लाया गया. उसके बाद वहां से उसे रांची लाया गया. बता दें कि दिनेश गोप पर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम घोषित किया था. वहीं एनआईए ने उसपर पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था.
पिछले एक साल में झारखंड पुलिस की पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के दस्ते के साथ आधा दर्जन से अधिक बार मुठभेड़ हुई. लेकिन हर मुठभेड़ में दिनेश गोप बचकर भाग निकलता था. बता दें कि रांची से 35 किमी दूर खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र में लाप्पा मोहराटोली गांव है. वैसे तो यह गांव झारखंड के आम गांवों की तरह ही है. पर यह मोस्ट वांटेड पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का गांव है. दर्जनों लोगों की हत्या का आरोपी दिनेश गोप लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था. जिसे झारखंड और बिहार पुलिस के अलावा एनआईए भी खोज रही थी. पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के कई बड़े उग्रवादी पकड़े गये या फिर मारे गये. लेकिन दिनेश गोप को पकड़ना या फिर मार गिराना झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई थी.
एनआईए को पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के प्रमुख की आरसी 02/2018 मामले में तलाश थी. गौरतलब है कि नोटबंदी के ठीक बाद दिनेश गोप ने लेवी के 25.38 लाख रुपये एसबीआई रांची के बेड़ो शाखा में एक पेट्रोल पंप संचालक के जरिए जमा करवाने की कोशिश की थी. रांची पुलिस ने 10 नवंबर 2016 को पेट्रोल पंप संचालक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में एनआईए ने 19 जनवरी 2018 को केस टेकओवर किया था. एनआईए ने शुरुआत में छापेमारी कर दिनेश गोप के सहयोगी सुमंत कुमार समेत अन्य के ठिकानों से 90 लाख नकदी और निवेश संबंधी कागजात बरामद किये थे. एनआईए ने जांच के क्रम में दिनेश गोप की दो पत्नियों हीरा देवी और शकुंतला कुमारी को भी गिरफ्तार किया था. 2 मार्च 2020 को एनआईए ने दिनेश गोप के खास सहयोगी जयप्रकाश सिंह भुइयां और अमित देशवाल को गिरफ्तार किया था. पीएलएफआई के पैसों को कंपनियों में निवेश के मामले में गुजरात के एक व्यवसायी को भी एनआईए ने गिरफ्तार किया था. लेकिन दिनेश गोप अबतक पकड़ से दूर था. अब उसे दबोच लिया गया है.
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