बाघमारा के तेतुलमारी थाना अंतर्गत गत 10 जून को संत जेवियर्स स्कूल की 10 वीं की छात्रा को शिक्षिका द्वारा थप्पड़ मार जाने और तिरस्कृत किये जाने से आहत होकर फाँसी लगाकर आत्महत्या किए जाने का मामला जिसकी गूंज अब दिल्ली तक पहुँच चुकी है। आज पीड़ित परिवार से मिलने के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो तेतुलमारी पहुँचे।राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षया काजल यादव सहित आयोग के कई सदस्य भी इस मौके पर शामिल रहे।भारतीय जनता युवा मोर्चा के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य शशांक राज के शिकायत पर ये यहाँ जांच में पहुँचे।
वहीँ प्रशाशनिक स्तर से बाघमारा डीएसपी भी मौके पर मौजूद रहीं।मामले में डीसी द्वारा गठित टीम के नेतृत्वकर्ता बाघमारा बीडीओ भी इस मौके पर मौजूद रहे।
जाँच के दौरान आयोग के अध्यक्ष ने पीड़ित परिवार से मिलकर मामले से जुड़े पहलुओं को जाना।वहीँ मामले से जुड़े तेतुलमारी थाना से सम्बंधित पुलिस अधिकारियो और मृतिका के शव के पोस्टमार्टम में शामिल चिकित्सक टीम से भी कई बिंदुओं पर बात की।
पत्रकारों से बातचीत में आयोग के अध्यक्ष ने सीधे तौर पर कहा कि आत्महत्या मामले के प्रशासनिक कार्रवाई में कई त्रुटियां पाई गई है।साथ ही तेतुलमारी थाना के जाँच टीम पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस द्वारा स्कूल प्रबंधन को बचाने का प्रयास किया गया है।इसलिए जाँच अधिकारी को बदलने का निर्देश भी दिया।
वहीँ डीसी द्वारा गठित जाँच टीम पर भी को सवाल उठाते हुए कहा कि दोषी स्कूल गैर मान्यता प्राप्त है,जो कहीं न कही शिक्षा विभाग के अधिकारियो की लापरवाही दर्शाती है,और ऐसे में जाँच टीम में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का होना जाँच को प्रभावित कर सकता है।गैर मान्यता प्राप्त स्कूल होने के कारण सेंट जेवियर्स स्कूल के खिलाफ जिला शिक्षा पदाधिकारी को धोखाधड़ी से जुड़ा प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश भी दिया।
वहीँ कड़े शब्दों यह भी कहा कि बिंदी लगाना,माला पहनना जैसे धार्मिक प्रतीकों को कोई स्कूल रोकता हैओ तो उसपर प्रशासन द्वारा कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
वहीँ इस मौके पर मौजूद शिकायतकर्ता भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शशांक राज ने राज्य सरकार पर प्रहार करते हुए यह भी कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे,जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार का पुरजोर विरोध भी करेंगे।
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