झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले की जांच पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को हटाने के लिए सीबीआई (रांची) ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है। सीबीआई ने इस याचिका में अनुरोध किया है कि हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक को हटाया जाए ताकि विधानसभा में हुई कथित अनियमितताओं की जांच को आगे बढ़ाया जा सके।
सीबीआई ने कोर्ट को कहा है कि झारखंड विधानसभा में नियुक्ति और प्रोन्नति में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए राज्यपाल की अनुशंसा पर 7 जुलाई 2014 को एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था। इस आयोग ने 30 बिंदुओं की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष के कार्यकाल में हुई नियुक्तियों के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितता और घूस के लेनदेन का उल्लेख किया गया था। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही राज्यपाल ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर फिलहाल सुनवाई की कोई तारीख निर्धारित नहीं की है। इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई को विधानसभा नियुक्ति में हुए घोटाले की जांच के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद सीबीआई ने प्रारंभिक जांच (PE) दर्ज कर ली थी। जिसके बाद विधानसभा ने हाईकोर्ट द्वारा 23 सितंबर 2023 को दिये गये सीबीआई जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवंबर 2024 को विधानसभा की याचिका को स्वीकार करते हुए अगले आदेश तक सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद से विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआई जांच बंद है।
सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा है कि PE एक प्रारंभिक जांच होती है, जिसका उद्देश्य केवल आरोपों की सत्यता की पुष्टि करनी होती है। जांच पर रोक से आगे की कार्रवाई के लिए तथ्य नहीं मिल पाएंगे। सीबीआई ने आग्रह किया है कि PE जांच पर लगाई गई रोक हटाई जाए, ताकि भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोपों की जांच पूरी हो सके।
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