डकरा.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सिर्फ स्वयंसेवक तैयार करने का काम करते हैं और स्वयंसेवक सुरक्षित और सु-ब्यवस्थित राष्ट्र तैयार करता है.संघ कुछ नहीं करता लेकिन स्वयंसेवक राष्ट्रीय हित में जो भी आवश्यकता होती है वह सभी कार्य करते है.संघ के कार्यप्रणाली को बस इसी रूप में समझकर काम करने की जरूरत है.उक्त बातें वरिष्ठ स्वयंसेवक गोपाल मिस्त्री बिश्वकर्मा ने कही.वे रविवार को डकरा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में संघ दर्शन कार्यक्रम में बौद्धिक दे रहे थे.उन्होनें कहा कि 2025 में संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं इसलिए संघ के मिलते-जुलते विचारधारा वाले संगठन से जुड़े लोगों का एकत्रीकरण कर संवाद का कार्यक्रम पूरे देश में किया जा रहा है इसमें हर उम्र, प्रकार,वर्ग के लोगों से बात कर राष्ट्रीय हित के मिशन पर चर्चा करनी है.

उन्होनें कहा कि वर्तमान समय में विचारों का युद्ध चल रहा है.जब पूरी दुनियां में पढ़ाई की ब्यवस्था नहीं थी तो हमारे देश में 65 विश्वविद्यालय थे और आज हालात यह हो गई है कि हम पश्चिमी देशों का अनुसरण करने लगे हैं.देश के 65 प्रतिशत युवाओं को सनातन धर्म-संस्कृति का अध्ययन कर अपने आप को पहचाना होगा और पुनः साबित करना होगा कि हम क्यों कभी बिश्व गुरु थे.हम मंत्र के ज्ञाता थे और मंत्र से तंत्र और यंत्र बना लेकिन हमने मंत्र ही छोड़ दिया है जो संकट का कारण बन गया है.इसके पहले सम्पत, सुभाषित,अमृत वचन,एकल गीत और सामुहिक गीत का कार्यक्रम के बाद सदभावना भोज का आयोजन किया गया जिसमें सभी एकसाथ बैठकर भोजन किया.बाद में एक चर्चा का कार्यक्रम भी हुआ.इस अवसर पर रघुवंश नारायण सिंह, अवधेश राय, कमलेश कुमार सिंह,मनोज रजक, अमरभूषण सिंह, प्रमोद पाठक, नंदकिशोर सिंह, विजय प्रताप सिंह, बिनोद विश्वकर्मा,मदन सिंह सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद थे.वहीं दूसरी ओर पुरनीराय के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में भी यह कार्यक्रम हुआ जहां वरिष्ठ स्वयंसेवक रघुवंश नारायण सिंह ने बौद्धिक दिया
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