सरहुल प्रकृति की रक्षा का संदेश देता है, सभी के बीच आपसी भाईचारा के भावना को सुदृढ़ करता है। ईद आपसी सौहार्द देश की खूबसूरती को बढ़ाता है – सुबोधकांत सहाय

सरहुल महोत्सव के शोभायात्रा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुबोधकांत सहाय। विभिन्न संगठनों द्वारा केंद्रीय सरना समिति, चडरी सरना समिति सहित कई संगठनों ने श्री सुबोधकांत सहाय का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया । सरहुल के अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुबोधकांत सहाय ने राज्यवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मानव एवं प्रकृति का अन्योन्याश्रय संबंध है. सरहुल का वास्तविक अर्थ वृक्ष एवं प्रकृति की पूजा करना है।प्रकृति के बिना मानव जाति का अस्तित्व नहीं है।उन्होंने कहा कि सरहुल उन त्योहारों में से एक है जिसे देश के विभिन्न हिस्सों में भी बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह जनजाति समुदाय तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसे सभी समुदाय के लोग पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं
यह उत्सव सभी के बीच आपसी भाईचारा के भावना को सुदृढ़ करता है।
युवा कांग्रेस महासचिव एवं रांची विधानसभा प्रभारी श्री रोहित सिन्हा ने कहा कि सरहुल मानव जाति को प्रकृति की रक्षा करने का संदेश देता है। आज जहां पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती का सामना कर रहा है, वहीं सरहुल पर्व के संदेश अत्यंत ही सार्थक है।उन्होंने रांची पुलिस और प्रशासन की तैयारी की सराहना की।
इस दौरान उन्होंने हरमू ईदगाह , डोरंडा ईदगाह जाकर मुस्लिम समुदाय के लोगों से मुलाकात की और उन्हें ईद की शुभकामनाएं दीं और फूल माला से उनका स्वागत किया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुबोधकांत सहाय द्वारा सभी ईदगाहों में नमाजियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। पूर्व मंत्री ने सेवई का लुत्फ उठाया और काफी देर तक मुस्लिम समुदाय के साथ बैठकर बातचीत की. इस मौके पर उन्होंने सभी को ईद की शुभकामनाएं दीं और कहा कि ईद के इस पाक महीने में आपसी सौहार्द देश की खूबसूरती को बढ़ाता है।
इस मौके पर दीपक लाल, कुमार राजा,गौरव सिंह, दीपक गुप्ता, सहित कई गणमान्य मौजूद थे।
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