तू ही जिंदा ना रहा तो कौंन लड़ेगा गरीबो की लड़ाई: सुशीला आशा
देवघर | मां के ममता की हर कहानी दिल छूने वाली होती है।देवघर के युवा नेता सन्तोष पासवान की मां वर्तमान जिला परिषद सदस्य सुशील आशा को देर रात जैसे ही पता चला कि उनके बेटे सन्तोष के द्वारा न्याय के लिए 16 दिनों से जारी अनशन उनके जान पर आ सकती है भागते हुए देवघर से रांची स्थित रिम्स पहुंची और बेटे को अनशन तोड़ने दबाब बनाने लगी। मां ने दो टूक कहा तू आज ही अपना अनशन तोड़ दे डाक्टर का कहना है ये अनशन तेरी जान भी ले सकती है उन्होंने सन्तोष से आग्रह करते हुए कहा बेटा छोड़ दें अपनी जिद्द तू अगर जिंदा नही रहा तो कौंन लड़ेगा गरीब पीड़ितों की लड़ाई।तेरे राजनीतिक दुश्मन एक षड्यंत्र के तहत तुम्हे क्रश करना चाहता तुम्हे मेरी कसम तोड़ दे तू अपना अनशन।मां के कसम के आगे सन्तोष नतमस्तक होकर 16 दिनों से जारी अनशन को तोड़ दिया।
इस मौके पर सुशीला आशा ने कहा कि सन्तोष देवघर विधानसभा का उभरता हुआ नेता है।इसपर गलत आरोप लगा कर जेल भेज दिया है।मेरा बेटा चट्टान के तरह मजबूत है वो झूठे आरोप से डरने वाला नही है।इसने देवघर सीओ को न्याय की मांग की तो झूठे आरोप में फंसा दिया ।अगर उनके साथ सन्तोष ने मारपीट किया है तो वहीं कारखाने के बाहर सीसीटीवी लगा हुआ है इसका फुटेज जारी करें। देवघर की जनता सन्तोष की लड़ाई लड़ रही है। इसलिए यव लड़ाई अभी थमी नही है,भ्र्ष्ट अधिकारी को भगाने तक ये जारी रहेगा ,पीड़ित को न्याय मिलने तक जंग जारी रहेगी।जब देवघर की जनता लड़ाई में शामिल है तो फिर भय कैसा।
ज्ञात हो कि बीते दिनों जसिडीह इंडस्ट्रियल एरिया में स्थिति एक कारखाने में झुलसने से दो मजदूरों की मौत एवं अन्य घायल हो गई थी ।पीड़ित परिवार को मुवाज़ा दिलाने के लिए पूर्व जिप उपाध्यक्ष सन्तोष पासवान ने विरोध प्रदर्शन किया ।आरोप है कि उक्त समय मे सन्तोष ने देवघर सीओ के साथ मारपीट की जिसकी लिखित शिकायत पर सन्तोष को गिरफ्तार किया गया था।पीड़ित परिवार को मुवाज़ा दिलाने के लिए सन्तोष ने देवघर जेल में ही अनशन करना शुरू कर दिया।हालात बिगड़ने पर पहले सदर अस्पताल उसके बात रांची रिम्म्स में अभी इलाजरत है ।जहाँ उनकी मां ने नारियल पानी पिलाकर बेटे का अनशन तोड़वाया।
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