रांची(RANCHI): सूबे के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मरीज परेशान हैं. रिम्स में कार्यरत ट्रॉली मैन और गार्ड हड़ताल पर हैं. अस्पताल के बाहर बैठ कर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. ट्रॉली मैन और गार्ड के हड़ताल पर चले जाने से रिम्स पहुँचने वाले मरीज परेशान हैं. मरीज ट्रॉली के लिए दर दर भटक रहे हैं. अगर ट्रॉली मिल भी गई तो जाना किधर है इसमें मरीज का समय बर्बाद हो रहा है. रिम्स एक बड़ा अस्पताल है और कोई आसानी से रिम्स में नहीं पहुंच सकता है. इसी कारणों ने बुधवार को तीन मरीजों की मौत हो गई.
रिम्स में कार्यरत 378 सुरक्षा कर्मी रिम्स में होम गार्ड जवानों की तैनाती करने से नाराज है.यही वजह है कि सभी अपने रोजगार को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे है. धरणे पर बैठे गार्ड ने बताया कि लंबे समय से वह रिम्स में सेवा दे रहे है. अब होम गार्ड की तैनाती हो जाने से वह सब बेरोजगार हो जाएंगे.जब तक प्रबंधन की ओर से कोई लिखित आश्वाशन नहीं मिलता वह हड़ताल पर बैठे रहेंगे.
रिम्स में राज्य के सभी जगहों से बड़ी संख्या में मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं. ऐसा ही बुधवार को भी हुआ. मरीज तो पहुंचे लेकिन उन्हें गाइड करने वाला अस्पताल में कोई नहीं था. सभी गार्ड और ट्रॉली मैन अस्पताल के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. जो गंभीर मरीज अस्पताल पहुंचे वह भटकते हुए दिखे. रिम्स अस्पताल एक बड़ा अस्पताल है एक जांच भी कराना हो तो उन्हें समझने में ही काफी समय निकाल जाता है.ऐसे ही तीन गंभीर मरीज अस्पताल पहुंचे लेकिन एम्बुलेंस में ही तीन मरीजों ने दम तोड़ दिया.सभी मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट में थे. अस्पताल पहुँचने के बाद ट्रॉली खोजने में काफी समय निकल गया.जिससे उनकी मौत हो गई.
बता दें कि रिम्स में कार्यरत 378 सुरक्षा कर्मी रिम्स में होम गार्ड जवानों की तैनाती करने से नाराज हैं. यही वजह है कि सभी अपने रोजगार को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. धरणे पर बैठे गार्ड ने बताया कि लंबे समय से वह रिम्स में सेवा दे रहे हैं. अब होम गार्ड की तैनाती हो जाने से वह सब बेरोजगार हो जाएंगे. जब तक प्रबंधन की ओर से कोई लिखित आश्वासन नहीं मिलता वह हड़ताल पर बैठे रहेंगे.
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