हर रोज़ थमती है महेशपुर की ज़िंदगी, सिस्टम पर उठ रहे हैं गंभीर सवाल
पाकुड़ से जितेन्द्र यादव की रिपोर्ट
महेशपुर (पाकुड़) —
पाकुड़ जिले के महेशपुर प्रखंड स्थित अंबेडकर चौक आज किसी परिचय का मोहताज नहीं रह गया है।
यह चौक अब विकास की नहीं, बल्कि अव्यवस्था, अतिक्रमण और प्रशासनिक निष्क्रियता की पहचान बन चुका है।
जो स्थान कभी आवागमन का प्रमुख केंद्र हुआ करता था, वही आज जाम का स्थायी चक्रव्यूह बन गया है, जहाँ हर दिन जनता की परीक्षा होती है।
हर सुबह दिन निकलते ही यहाँ गाड़ियों की लंबी कतारें लग जाती हैं।
ऑटो, बाइक, ट्रक, ठेले और निजी वाहन —
सब एक-दूसरे में ऐसे उलझ जाते हैं मानो सड़क नहीं, कोई युद्ध का मैदान हो।
दोपहर तक लोग झुँझला जाते हैं और शाम होते-होते
पूरा महेशपुर इस जाम में कैद हो जाता है।
सबसे दर्दनाक तस्वीर यह है कि
जिस चौक पर संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा
न्याय, समानता और व्यवस्था का संदेश देती है,
उसी प्रतिमा के नीचे
आम आदमी रोज़ बेबसी और अपमान झेलने को मजबूर है।
यह विरोधाभास अब पूरे सिस्टम पर सबसे बड़ा सवाल बन गया है।
बच्चा हो या मरीज़ — हर कोई परेशान
स्कूल जाने वाला बच्चा समय पर नहीं पहुँच पाता,
अस्पताल ले जाया जा रहा मरीज़ जाम में तड़पता रहता है।
दुकानदारों का व्यापार प्रभावित है,
राहगीरों का सब्र जवाब दे रहा है।
इसके बावजूद
न तो ट्रैफिक पुलिस की स्थायी व्यवस्था दिखती है,
न अतिक्रमण हटाने की सख़्ती,
न कोई वैकल्पिक मार्ग,
और न ही कोई दीर्घकालिक योजना।
सड़क किनारे अवैध दुकानें,
ठेले और बेतरतीब पार्किंग
हर दिन हालात को और भयानक बना रही हैं।
सवाल यह है कि
क्या जनता की परेशानी प्रशासन को सच में दिखाई देती है?
और अगर दिखाई देती है,
तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
थाना प्रभारी ने दिया आश्वासन
बढ़ते जनआक्रोश और लगातार उठते सवालों के बीच
महेशपुर थाना प्रभारी रवि शर्मा का बयान सामने आया है।
उन्होंने कहा —
“अंबेडकर चौक पर लगने वाले जाम की समस्या को गंभीरता से लिया गया है।
बहुत जल्द ठोस कदम उठाए जाएंगे।
ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी
और जनता को जाम से राहत दिलाई जाएगी।”
यह बयान जनता के लिए
उम्मीद की किरण जरूर है,
लेकिन अब लोग सिर्फ आश्वासन नहीं,
ज़मीनी कार्रवाई और परिणाम चाहते हैं।
अब सब्र की सीमा पर जनता
महेशपुर की जनता अब जाग चुकी है।
लोग देख रहे हैं, समझ रहे हैं और सवाल पूछ रहे हैं।
अगर अब भी अंबेडकर चौक जाम से मुक्त नहीं हुआ,
तो यह साफ़ हो जाएगा कि
जनता की परेशानी सिस्टम की प्राथमिकता में नहीं है।
अब फैसला प्रशासन को करना है —
या तो अंबेडकर चौक को जाम से आज़ाद किया जाए,
या फिर जनता के सवाल और तेज़ होंगे।
यह खबर सिर्फ एक चौक की नहीं,
पूरे महेशपुर प्रखंड की पीड़ा की आवाज़ है।

Leave a comment