राजद प्रदेश कार्य समिति सदस्य स समाज सेवी सह शांति समिति के संजर मलिक ने सहयोगीयों के संग किया लाल बहादुर शास्त्री इंद्रपुरी चौक पर किया मणिपुर की दिल दहला देने वाली घटना का जम के विरोध कहा मणिपुर की घटना देश के लिए बेहद शर्मनाक निन्दा लफ्ज बौनी हो गी दुनिया भर में इस धिनौनी घटना की विरोध की जा रही है ये कौन सी मर्दानगी है भेड़ियों का झुंड अबला नारियों को नग्न शरीर कर सड़को पर मारते गंदी हरकत करते खेत में ले जा कर बहादुरी का प्रदर्शन कर रहे और प्रशासन सिर्फ मुंह बनाये तमाशा देखती है लानत है ऐसे हकुमत पर थुकती है जनता वाह रे चाहने वाले तेरे अंधे भक्तों लाज नहीं आती जरा भी तुम्हें आयेगी भी कहां से अंदर की ज़मीर ही मर गई हो जिसकी इनहे कडी सजा मिले यही आवाज उठ रही सभी जानिब से लेकिन ये कुछ जयचंदों ने तो दोषियों के लिए बना रखा है माला पहनाने वतन में नफरत की खेती जो करनी है दुख तो इस बात की जहां भारत की राष्ट्रपति एक आदिवासी महिला हैं वहीं पर आदिवासी महिलाओं के साथ जघन्य अपराध वो भी केंद्र एवं राज्य में भाजपा की सरकार के रहते पिछले तीन माह से ज्यादा हो गए मणिपुर जल रहा कई लोगों की जाने चली गई हजारों लोग बेघर हो गए कितने घायल हैं इस से बड़ा दुख किया होगा और वहां के मुख्यमंत्री महोदय एसे में बयान दे रहे कि यहां के लिए यह नई बात नहीं है हर दिन एसी घटना होते ही रहती एसे में प्रश्न उठता है कि जब आप सुबे को नहीं चला पा रहे तो देर किस बात की इस्तीफा दें प्रधान मंत्री जी बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देते हैं किया वो आदिवासी बेटियां नहीं राजसिंहासन से चिपके रहने के लिए और कितने बेकसुरों को बलि पर चढा़ते रहेंगे बस करये सब का साथ और सब का विकास और सब का विश्वास से अब लोगों का मन उब गया है झूठ की बुनियाद पे खड़ी इमारत कई वर्षों तक ज़हरीले पोचाडे़ से चल गई पर अब ढ़हने का समय आ गया मणिपुर के रहने वाले इस दुख की बेला में अब उच न्यायालय की ओर ध्यान लगाये बैठी है सत्य है उपर वाला वो रब है जिसका सब है इंसाफ मिलेगा इस मौके पर एजाज खान, रधु यादव, सयद तबरेज अखतर, तौफ़ीक़ अंसारी, कलाम अखतर, भुपेंद्र राम, आदित्य कुमार राणा, मनटु सिंह, रियाज अलि, एवं अन्य सड़को पर उतर नहीं चले गी ताना साही अब नफरत की राजनीति बंद करो महिलाओं के अत्याचारीयों पर कठोर सजा हो जैसे नारे बुलंद किये
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