भारतीय रुपये में बुधवार को भी भारी गिरावट देखने को मिली है। और इसके साथ ही इसने 90 रुपये प्रति डॉलर के स्तर को भी पार कर लिया। शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 90.14 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुँच चुका है। मंगलवार को रुपया 89.94 पर बंद हुआ था और अब पहली बार 90 का आकंडा पार कर गया है। रुपये का लगातार कमजोर होना यह दिखाता है कि विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर लगातार मजबूत होता जा रहा है।
जानकारों के अनुसार, रुपये पर यह भारी दबाव कई वजहों से आ रहा है। सबसे बड़ा कारण है विदेशी पूंजी की लगातार निकासी, यानी विदेशी निवेशक भारत से अपना पैसा निकाल रहे हैं। इसके अलावा, कंपनियों, आयातकों और विदेशी निवेशकों की ओर से भी डॉलर की मांग काफी मजबूत बनी हुई है। डॉलर की यह बढ़ती मांग रुपये को और कमज़ोर कर रही है।
इससे आम आदमी की जेब पर महंगाई का बोझ अब और बढ़ सकता है क्योंकि आयात महंगा हो जाएगा. इतना ही नहीं रुपए की कमजोरी विदेशी निवेशकों के विश्वास को भी कम कर रही है, जिसका असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है।
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