
किसी कंपनी में काम करते हुए मैट्रिक उत्तीर्ण लोग भी इंजिनियर बनने का सपना अब कर सकते हैं साकार
सिविल, इलेक्ट्रिकल व कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में होगा नामांकन
किसी कंपनी में काम करने वाले लोग भी ले सकेंगे नामांकन
एक वर्ष के अनुभव पर सीधे दूसरे वर्ष में लिया जा सकता है नामांकन
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में कक्षाओं की मिलेगी सुविधा
इन कोर्सों में नामांकन के लिए न्यूनतम योग्यता मैट्रिक उत्तीर्ण है
हजारीबाग। किसी भी कंपनी में काम कर रहे लोग भी अब इंजिनियर बनने के सपने को साकार कर सकते हैं। दरअसल आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग को तीन वर्षीय डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग की मान्यता मिलने के बाद अब वर्किंग प्रोफेशनल में डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग की भी मान्यता एआईसीटीई के द्वारा प्रदान की गई है। उक्त जानकारी आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने दी। उन्होंने कहा कि वर्किंग प्रोफेशनल में डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग के लिए इलेक्ट्रिकल, सिविल और कंप्यूटर साइंस में मान्यता प्रदान की गई है। इस कोर्स के लिए न्यूनतम अनिवार्य योग्यता मैट्रिक उत्तीर्ण है। उन्होंने बताया कि इस कोर्स में वैसे लोग भी नामांकन कराकर इंजिनियर बनने का सपना साकार कर सकते हैं, जो किसी पंजीकृत इंडस्ट्री या कंपनी में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि काम कर रहे लोगों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की सुविधा के साथ साथ शाम या सुबह में ऑफलाइन या विद्यार्थियों के सुविधानुसार कक्षाओं की सुविधा भी प्रदान की जाएगी ताकि काम करते हुए भी आसानी से इन क्षेत्रों में पढ़ाई पूरी की जा सके। डॉ गोविंद ने बताया कि किसी पंजीकृत इंडस्ट्री या कंपनी से एक वर्ष का अनुभव पाए व्यक्ति सीधे दूसरे वर्ष में नामांकन करा सकता है।उन्होंने बताया कि यह कोर्स दरअसल काम कर रहे लोगों के लिए अधिक लाभप्रद साबित होगा। साथ ही इन कोर्सों से कौशल विकास को और मजबूती मिलेगी।
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