पश्चिम बंगाल /के मंत्री व टीएमसी नेता सुजीत बोस और तापस रॉय के कोलकाता स्थित ठिकानों पर ईडी की छापेमारी चल रही है. तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों के घर यह छापेमारी तब हुई, जब ईडी बंगाल में कथित शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही थी. मामले की जांच के दौरान ईडी लगातार कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में तलाशी और जब्ती कर रही है.10 जगहों पर छापेमारी की. इधर, करीब एक सप्ताह पहले राशन घोटाला मामले में ईडी ने बोंगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी की यह कार्रवाई बंगाल में ईडी पर हमले के बाद की गई. मालूम हो कि राशन घोटाले की जांच कर रहे ईडी ने 5 जनवरी 2024 को राज्य में अलग-अलग जगहों में राजनीति से जुड़े लोगों, व्यवसायियों व अन्य के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. ईडी के अधिकारी उत्तर 24 परगना के संदेशखाली स्थित सरबेड़िया के निवासी तृणमूल कांग्रेस के नेता, राशन और डीलरव्यवसायी शेख शाहजहां के आवास पर जांच के लिए पहुंचे थे, जहां ईडी अधिकारियों और सेंट्रल आर्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) के जवानों पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया. उनके वाहनों में तोड़फोड़ की गयी. मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा गया. उनके कैमरे व मोबाइल फोन तोड़ दिये. ईडी अधिकारियों और जवानों ने वहां से किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी. इस हमले के बाद ईडी एक्शन मोड में आ गई है.
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती मामला काफी लंबे समय से चला आ रहा है. ईडी और सीबीआई की ओर से कार्रवाई जारी है. इसके बावजूद शिक्षक भर्ती मामले के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर पाना केंद्रीय एजेंसियों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गई है. ईडी सूत्रों की मानें तो शिक्षक भर्ती मामले में करोड़ों रुपये की धांधली की गई है. कई हजार अभ्यार्थी परीक्षा में उर्तीण होने के बावजूद आज भी नौकरी के इंतजार में हैं, तो वहीं कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें बिना परीक्षा दिए ही नौकरी मिल गई है. बंगाल में शिक्षक भर्ती मामला धीरे-धीरे पेचिदा होते जा रहा है. कई बड़े मंत्रियों का नाम शिक्षक भर्ती मामले से जुड़ता जा रहा है. केन्द्रीय एजेंसियां शिक्षक भर्ती मामले की कड़ियों को जोड़ने में लगी हुई है.
ऐसे हुआ शिक्षक भर्ती घोटाले का खुलासा
राज्य के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त
स्कूलों में हुई नियुक्तियों में हुए करोड़ों का घोटाला
बिचौलियों के जरिये होने की बात सामने आयी थी,
जो अवैध तरीके से नौकरी प्राप्त करने वाले
अभ्यर्थियों को घोटाले के मास्टरमाइंड को जोड़ने
वाली कड़ी बने. इस बात उल्लेख घोटाले में
धनशोधन पहलू की जांच कर रहे प्रवर्तन
निदेशालय (इडी) की चार्जशीट में है. असल में
सोमेन नंदी बनाम पश्चिम बंगाल सरकार के एक
मामले में 8 जून, 2022 को कलकत्ता हाइकोर्ट के
आदेश के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने
राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों
में सहायक शिक्षकों के चयन में कथित
अनियमितता के आरोप में उत्तर 24 परगना के एक
चंदन मंडल उर्फ रंजन (बिचौलिए की भूमिका
निभाने का आरोपी) और पश्चिम बंगाल प्राथमिक
शिक्षा बोर्ड के कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ
प्राथमिकी दर्ज की, जिसके बाद 24 जून को मामले
की जांच में जुटी. इडी ने बैंकशाल कोर्ट स्थित
स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में दाखिल किये गये अपने
172 पन्नों के आरोप पत्र में प्राथमिक शिक्षा बोर्ड
के पदाधिकारियों के साथ चंदन मंडल की सांठगांठ
के बारे में बताया, जिसके तहत प्राथमिक स्कूलों में
शिक्षकों की अवैध नियुक्ति के लिए काफी रुपये
लिये गये थे.(ईडी) की चार्जशीट में कहा गया था कि अपात्र उम्मीदवारों को नौकरी दी गयी. शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी), 2014 का आयोजन 11 अक्तूबर, 2015 को हुआ था. सफल अभ्यर्थियों की पहली मेरिट लिस्ट बदल कर दूसरी जारी की गयी और दूसरी मेरिट लिस्ट में अवैध रूप से और मनमाने ढंग से अपात्र उम्मीदवारों को भ्रष्ट तरीकों से नियुक्तियां दीं गयी. प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति पाने के लिए अपात्र उम्मीदवारों की लिस्ट भी इडी के पास थी. इडी के अनुसार, टीइटी, 2014 की प्राथमिक चयन प्रक्रिया में प्रश्न पत्र और इसकी मूल्यांकन प्रक्रिया को संदिग्ध रूप से किया गया था, क्योंकि पात्र उम्मीदवारों को लिस्ट से बाहर करने के लिए ओएमआर शीट में बदलाव किया गया.
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