Jharkhand

झारखंड सरकार बेचेगी महुआ शराब! राजस्व बढ़ाने की हो रही तैयारी, प्लांट लगाकर करेगी उत्पादन!

Share
Share
Khabar365news

झारखंड की देसी शराब राज्य का राजस्व बढ़ाने का साधन बनाने जा रही है। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने इसकी तैयारी भी कर ली है। दरअसल, राज्य सरकार ने यह महसूस किया है झारखंड में देसी महुआ शराब आम आदिवासी समाज की बड़ी जरूरत है। इस जरूरत को ही सरकार राज्य के राजस्व बढ़ाने का जरिया बनाने जा रही है। राज्य सरकार इसके लिए महुआ शराब बनाने की फैक्टरी लगायेगी और महुआ शराब बेचने की शुरुआत करेगी। मद्य निषेध और उत्पाद विभाग ने बकायदा वृहद प्लांट लगाने का प्रयास भी शुरू कर दिया है।

यह जानकारी झारखंड सरकार के वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने दी है। वित्तमंत्री ने शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में बजट पूर्व गोष्ठी में यह बात कही है। उन्होंने कहा कि उत्पाद विभाग के एक्सपर्ट की ओर से विचार आये हैं। इस पर सरकार विचार करेगी।

राधाकृष्ण किशोर ने स्पष्ट किया कि चूंकि ‘महुआ’ का सेवन स्थानीय स्तर पर बड़ी मात्रा में किया जाता है, इसलिए गोवा की तर्ज पर विभाग विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने पर विचार कर सकता है, ताकि लोगों को अधिक परिष्कृत महुआ पेय उपलब्ध कराया जा सके। इससे राज्य सरकार को राजस्व बढ़ोतरी में मदद भी मिलेगी।

बजट पूर्व गोष्ठी में राज्य की ऊर्जा जरूरतो पर भी हुई चर्चा

गोष्ठी में उपस्थित कई एक्सपर्ट ने झारखंड में जल्द कोयला की उपलब्धता समाप्त होने का अंदेशा जाहिर किया। इस पर उन्होंने झारखंड सरकार के राज्य में मौजूदा यूरेनियम का उपयोग बिजली उत्पादन में करने पर सहमति जतायी है। राज्य में यूरेनियम प्लांट लगाने पर भी सहमति बनी है।

मंत्री ने कहा कि अब तक जो विभिन्न सुझाव आए हैं उनमें यह भी शामिल है कि डीजल की कीमतों को कम किया जा सकता है। और उत्तर प्रदेश के बराबर लाया जा सकता है जिससे मांग बढ़ेगी और राजस्व में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि राज्य के आंतरिक संसाधनों के माध्यम से बिजली संयंत्र स्थापित करने के विकल्प पर भी चर्चा की गई क्योंकि ऊर्जा विभाग राज्य में पिक लोड मांगों को पूरा करने के लिए औसतन 600 करोड़ रुपये प्रति माह का भुगतान कर रहा है जो कि 2900 मेगावाट है।

मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को उत्पाद शुल्क विभाग के तहत लक्ष्यों पर फिर से विचार करने के लिए भी कहा गया, जो वर्तमान में इस वित्तीय वर्ष के लिए 2700 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य सालाना 8,000 रुपये कमा रहे हैं जबकि हरियाणा उत्पाद शुल्क से सालाना 5,000 करोड़ रुपये से अधिक कमाता है, जिस पर हमें ध्यान देने की जरूरत है। बैठक में मंत्री राधा कृष्ण किशोर के अलावे खास तौर पर ऊर्जा विभाग, शिक्षा विभाग पथ निर्माण विभाग, भू राजस्व विभाग समेत अन्य विभाग के प्रधान सचिव और अन्य अधिकारी पदाधिकारी मौजूद थे।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Categories

Calender

August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031







Related Articles
JharkhandRanchiरांची

सीमेंट लदा बारह चक्का वाहन हुटॉप मोड़ पाकर झरना पुलिया के पास बुरी तरह दुर्घटनाग्रस्त।।

Khabar365newsराशीद अंसारी खलारी। खलारी थाना क्षेत्र के हुटॉप मोड़ से आगे पाकर...

CrimeJharkhandPakur

कई जगहों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि कार्रवाई के बाद भी खाद ऊंचे दामों पर बेची जा रही है।

Khabar365newsबिना अनुज्ञप्ति के बेची जा रही है खाद हिरणपुर (पाकुड़): प्रशासन के...

BreakingCrimeJharkhand

शराब दुकान के संचालक को अज्ञात मोटरसाइकिल सवार युवक ने मारी गोली

Khabar365newsसिमडेगा । बांसजोर ओपी क्षेत्र में शराब दुकान के पास मोटरसाइकिल सवार...