झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने राजधानी रांची की चरमराई और ध्वस्त हो चुकी बिजली व्यवस्था को लेकर विभागीय अफसरशाही और भ्रष्टाचार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा, “राजधानी के लोग रोज़ाना अंधेरे में घुट-घुटकर जी रहे हैं और अफसर मलाई काट रहे हैं।”
अजय राय ने गंभीर आरोप लगाया कि कार्यपालक अभियंता, असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर जैसे पदों पर बैठे अधिकारी पिछले पाँच साल से राजधानी में जमे हुए हैं। प्रमोशन और आंतरिक फेरबदल का बहाना बनाकर ये अफसर रांची एरिया बोर्ड से हटने का नाम नहीं लेते। उन्होंने सवाल उठाया – “क्या सरकार में इतनी भी हिम्मत नहीं कि इन भ्रष्ट अफसरों को हटा सके? आखिर किसके संरक्षण में ये एक ही जगह कुर्सी से चिपके बैठे हैं?”
• उपभोक्ताओं को डेढ़-डेढ़ साल के मनमाने बिजली बिल थमा दिए जाते हैं।
• किसी पर 2 लाख तो किसी पर 5 लाख तक का झूठा बकाया चढ़ा दिया जाता है।
• गरीब परिवारों पर करोड़ों रुपये तक के फर्जी बिल थोपे जा रहे हैं।
• छोटे दुकानदारों और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं के कनेक्शन बिना नोटिस और सुनवाई के काट दिए जाते हैं।
• स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता से वसूली हो रही है, और शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं होती।
अजय राय ने कहा कि बिजली विभाग अब सेवा देने वाली संस्था नहीं, बल्कि जनता को लूटने और प्रताड़ित करने वाला गिरोह बन चुका है। उन्होंने बताया कि हिनू, डोरंडा, बूटी मोड़, लालपुर, कोकर, कांके रोड, रातू रोड, कांटाटोली, चुटिया, HEC और धुर्वा जैसे इलाकों में रोज़ाना 5-6 घंटे तक अंधाधुंध कटौती हो रही है। “पूरे शहर में त्राहिमाम की स्थिति है लेकिन अफसर कान में तेल डालकर बैठे हैं।”
संघ अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की
• राजधानी की बिजली व्यवस्था पर तत्काल उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हो।
• 3 साल से जमे अफसरों को हटाकर उनकी भूमिका की जांच की जाए।
• उपभोक्ता समस्याओं के समाधान के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित की जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अब भी कार्रवाई नहीं की तो श्रमिक संघ जनता को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगा। अजय राय ने साफ कहा – “अब जनता अंधेरे में जीने को मजबूर नहीं रहेगी। भ्रष्ट अफसरों और उनके संरक्षण में पल रहे बिजली माफिया का चेहरा बेनकाब कर दिया जाएगा। यह लड़ाई आर-पार की होगी।”
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