झारखंड : झारखंड के चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने का मामला रविवार को और गंभीर रूप ले लिया। अब तक पांच बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस गंभीर घटना के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पश्चिमी सिंहभूम सिविल सर्जन समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है। सीएम हेमंत ने ट्वीट कर बताया कि पीड़ित बच्चों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी और संक्रमित बच्चों का पूरा इलाज भी सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का संक्रमित होना अत्यंत पीड़ादायक है।”
राज्य स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि सभी ब्लड बैंकों का ऑडिट कर पांच दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य प्रक्रिया में किसी भी लचर व्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को भी इस मामले का संज्ञान लेने का निर्देश दिया गया है।
जाँच में सामने आया कि सदर अस्पताल के एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर में कुल पांच थैलेसीमिक बच्चे एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। यह घटना 13 सितंबर को हुई थी और 18 अक्तूबर को जांच में पुष्टि हुई। उच्च न्यायालय ने भी स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की जाँच का आदेश दिया है।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर के पूर्व मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. निर्मल कुमार ने कहा कि यदि बच्चों का एंटी रेट्रोवायरल इलाज नियमित रूप से चलता है, तो उन्हें लंबे समय तक कोई गंभीर परेशानी नहीं होगी। साथ ही उन्होंने पौष्टिक आहार और नियमित दवा के महत्व पर जोर दिया। चाईबासा में इस घटना के बाद ब्लड चढ़वाने वाले मरीजों और उनके परिवारों में चिंता और डर का माहौल है। स्वास्थ्य विभाग की टीम रांची से चाईबासा पहुंचकर मामले की गहन जाँच कर रही है।
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