हजारीबाग के सिंघानी गांव में जन्मे बालेश्वर कुमार, पिता रामनाथ प्रसाद, ने अपने अथक परिश्रम, अनुशासन और अटूट ईमानदारी के बल पर वह उपलब्धि हासिल की है, जिसकी कल्पना कई लोग करते हैं पर पूरा कुछ ही कर पाते हैं।
बालेश्वर ने सीजीएल परीक्षा में शानदार सफलता प्राप्त कर यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन के रास्ते में कोई बाधा टिक नहीं सकती। साधारण परिवार से निकले इस विलक्षण प्रतिभा ने दिन-रात मेहनत करके अपने माता-पिता का सपना पूरा किया है।
इस सफलता के बाद उनका चयन प्रशाखा कार्यालय, रांची में सहायक प्रशाखा पदाधिकारी के रूप में हुआ, जहां उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और दक्षता से निभाया। वर्तमान में वे कटकमदाग अंचल में राजस्व निरीक्षक (Revenue Inspector) के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं और अपनी ईमानदार कार्यशैली से विभाग में एक अलग पहचान बना चुके हैं।
सिंघानी गांव की गलियों से निकलकर रांची के प्रशाखा कार्यालय तक और अब राजस्व निरीक्षक के प्रतिष्ठित पद तक उनका सफर यह दर्शाता है कि—
अगर हिम्मत, हौसला और हृदय में सपनों की आग हो… तो कोई भी मंज़िल बड़ी नहीं होती।
बालेश्वर की उपलब्धि हजारीबाग जिला के लिए गौरव है।
उनकी कहानी आज युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है—
कि सच्ची लगन और कड़ी मेहनत से सीजीएल जैसी कठिन परीक्षा भी कदमों में झुक जाती है।
पूरा हजारीबाग, सिंघानी गांव और विभागीय परिवार बालेश्वर कुमार की इस ऐतिहासिक सफलता पर गर्व महसूस कर रहा है।
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