
रिपोर्ट – सुमित कुमार पाठक पतरातु
पतरातू स्थित विधायक आवासीय कार्यालय परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह के छठे दिन भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाहोत्सव की कथा ने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। पूरा पंडाल उत्सव के माहौल में डूब गया और श्रद्धालु भक्ति रस में झूमते नजर आए।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रातःकाल आचार्य सत्येंद्र दुबे जी के सान्निध्य में हुई। विधायक रोशन लाल चौधरी ने अपने पूरे परिवार के साथ आवाहित गणपत्यादि देवताओं का विधिवत पूजन किया। इसके बाद वैदिक विद्वानों द्वारा भागवत पारायण का श्रवण किया गया।

मध्याह्न में कथाव्यास श्री सत्य प्रकाश तिवारी (शंख बाबा) ने अपने मुखारविंद से भागवत के दिव्य प्रसंग सुनाए।
आज के कथा प्रसंग में भगवान का महारास लीला और रास पंचाध्यायी,मथुरा गमन, कंस वध तथा रुक्मिणी जी के साथ मंगल विवाह की कथा का वर्णन किया गया।

पंडाल में भगवान श्री कृष्णा और माता रुक्मणी की मनमोहक झांकी सजाई गई और विवाह के रस्म पूरी की गई।
जब कथाव्यास भगवान के प्राकट्य और विवाहोत्सव का वर्णन कर रहे थे, तो पंडाल में उत्साह का वातावरण छा गया और भक्तगण भाव-विह्वल हो उठे।
ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उन्हें वैवाहिक जीवन की बढ़ाएं दूर होती है श्रद्धालु इस अवसर पर फूलों की वर्षा किए और भजनों पर नित्य कर उत्सव मनाएं।
कार्यक्रम के दौरान ही बीजेपी झारखंड प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह जी और भाजपा झारखंड प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद को यजमान विधायक रोशन लाल चौधरी के द्वारा प्रतीक वसंत और श्रीमद् भागवत गीता देखकर स्वागत सत्कार किया गया।
श्रद्धालुओं के बीच विधायक रोशन लाल चौधरी जी ने अपने हाथों से प्रसाद का वितरण किया।
कार्यक्रम में भाजपा के प्रमुख पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें जिला अध्यक्ष प्रवीण मेहता, जिला महामंत्री राजू चतुर्वेदी, जिला उपाध्यक्ष रंजन सिंह फौजी, जिला उपाध्यक्ष दिनेश प्रसाद, जिला मंत्री संजीव कुमार बावला, प्रदेश किसान मोर्चा प्रवक्ता अनिल राय, जिला सोशल मीडिया प्रभारी संतोष शर्मा, भुरकुंडा सांसद प्रतिनिधि राकेश कुमार, भदानीनगर मंडल अध्यक्ष सोनू कुशवाहा शौर्य, बरकाकाना मंडल अध्यक्ष नूतन महतो, मंडल महामंत्री पंकज कुमार सिंह तथा पतरातू मंडल अध्यक्ष रंजन कुमार भगत प्रमुख रूप से शामिल थे।
कथा संचालन में आचार्य पंडित सत्येंद्र दुबे, पंडित अमित मिश्रा, पंडित पंकज तिवारी, पंडित राजा तिवारी, पंडित राधेश्याम दुबे सहित अन्य ब्राह्मणों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
रुक्मिणी-कृष्ण विवाहोत्सव की यह दिव्य कथा भक्तों के हृदय में भगवान की लीला को और गहराई से उतार गई।
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