Other

कौन था भारत का वो राजा? जिसने दलित के बेटे को बना दिया करोड़ों लोगों का मसीहा

Share
Share
Khabar365news

भारत रत्न से नवाजित डॉ. भीमराव आंबेडकर का दलित समाज के उत्थान और उन्हें जागरुक करने में बहुत बड़ा योगदान है। बचपन से ही आर्थिक और सामाजिक भेदभाव से जूझते हुए विषम परिस्थितियों में डॉ. भीमराव आंबेडकर ने अपनी पढ़ाई शुरू की थी। जब डॉ. भीमराव आंबेडकर युवा थे, तो उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना था। ऐसे में उनके सामने आर्थिक संकट एक बहुत बड़ी समस्या थी।

डॉ. अंबेडकर: फाइल फोटो

दरअसल, भीमराव अपनी स्नातकोत्तर पढ़ाई कोलंबिया यूनिवर्सिटी से करना चाहते थे। उनके विदेश में पढ़ने के सपने को साकार करने के लिए एक महाराजा ने मदद की थी। आइए हम आपको बताते हैं कि कौन था वो राजा ? और कैसे उसने एक दलित को करोड़ों लोगों का मसीहा बना दिया?

साल 1913 में अंबेडकर ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के लिए बड़ौदा महाराजा के यहां आर्थिक मदद के लिए आवेदन दिया। बड़ौदा के तत्कालीन महाराजा सायाजीराव गायकवाड़ तृतीय के पास जब अंबेडकर का आवेदन पहुंचा, तो उन्होंने इसे मंजूर कर सालाना स्कॉलरशिप देना शुरू कर दिया। इस स्कॉलरशिप की मदद से आंबेडकर के लिए विदेश जाकर पढ़ाई करना आसान हो गया।

महाराजा सायाजीराव गायकवाड़ तृतीय : फोटो

युवा अंबेडकर जब विदेश से पढ़ाई कर वापस लौटे तो उन्हें बड़ौदा राज्य के लेजिस्लेटिव असेंबली का सदस्य बनाया गया। इसके साथ ही राज्य में एक कानून बनाया गया कि राज्य में अनुसूचित जाति के लोग भी चुनाव लड़ सकें। पिछड़े वर्ग, महिलाओं के साथ आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों के लिए बड़ौदा राज्य में चलाई जा रही योजनाओं का अंबेडकर पर भी असर पड़ा, जो संविधान निर्माण के दौरान नजर आया।

महाराजा सायाजीराव गायकवाड़ तृतीय अपने राज्य में शिक्षा, कला, नृत्य आदि क्षेत्रों से जुड़ी बड़ी हस्तियों को संरक्षण देने में भी आगे रहते थे। ज्योतिबा फुले, दादाभाई नौरोजी, लोकमान्य तिलक, महर्षि अरविंद समेत कई हस्तियों को महाराजा सायाजीराव ने आर्थिक मदद दी। इसके साथ ही राज्य में लड़कियों के शिक्षा पर ध्यान देते हुए कई स्कूल खोले और प्राइमरी शिक्षा मुफ्त करने के साथ अनिवार्य कर दी।

महाराजा सायाजीराव गायकवाड़ तृतीय को भारतीय रियासतों के शासकों के बीच सबसे बड़ा समाज सुधारक और प्रगतिवादी राजा माना जाता है। बता दें कि उन दिनों शायद ही कोई राज्य ऐसा था, जहां वंचित वर्ग और पिछड़ों की इस तरह से मदद की जाती थी।

महाराजा सायाजीराव का डॉ. आंबेडकर के साथ हमेशा अच्छे संबंध बने रहें। अंबेडकर का दलितों के उत्थान में बहुत बड़ा हाथ है। वहीं महाराज ने अंबेडकर को अपना उद्देश्य पूरा करने में पूरी मदद की। साल 1939 में महाराजा सायाजीराव का निधन हो गया।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Categories

Calender

July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031