रामगढ़ जिले के पतरातु प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राजयोग मेडिटेशन केंद्र,b4 रोड नंबर- 8 द्वारा पवित्र माह सावन में सोमवार को राजयोग चित्र प्रदर्शनी का आयोजन पतरातु हनुमान गढ़ी के शिव मंदिर प्रांगण में किया गया। बीके रामदेव ने कहा शिव और शंकर में महान अंतर है। इस अंतर को समझने के लिए राजयोग कोर्स समझना आवश्यक होगा। हम सभी सनातन धर्मी शिव और शंकर को एक ही मानते हैं जबकि दोनों अलग अलग है । शिवलिंग ज्योर्तिमय शिवबाबा का प्रतीक है और शंकर जी का प्रतीक उनका सकारी शरीर है,शिवबाबा कल्याणकारी परमात्मा है ईश्वर है, जबकि शंकर जी शंहारकर्ता है ,विनाशकार्ता देवता है । महिमा में भी शिव का सदा नाम लिया जाता है जैसे ओम् नमः शिवाय, सत्यम् शिवम् सुंदरम् , शिव मंदिर शिवरात्रि आदि सब नाम शिव का ही नाम है, शंकर जी का नहीं,इससे प्रमाणित होता है कि दोनों बिल्कुल अलग अलग है, दोनों में पिता और पुत्र का संबंध है, शंकर जी सदा पुत्र बन अपने पिता शिव का ध्यान लगाते हैं।**ज्योतिर्लिंगम् परमात्मा शिव का जिनका आराधना विशेष पूरे सावन माह चलता है उन्हें सत्य ज्ञान द्वारा जानकर, पहचान कर ध्यान करना चाहिए । 33 करोड़/कोटि देवी देवताओं के रचयिता,देवों का भी देव महादेव निराकार ज्योतिर्लिंग शिवबाबा है। स्वयं राम जी भी आराधना शिव का किए हैं ,स्वयं कृष्ण जी की आराधना शिव का किए हैं ,सभी* *देवियां दुर्गा, लक्ष्मी ,सरस्वती ,काली… आदि सब शिव से ही शक्ति लेकर के बनी है, अतः हमें देवों के देव महादेव निराकार ज्योतिर्लिंग शिव बाबा को ही ध्यान करना चाहिए उनके ध्यान से ही हम जन्मो जन्म के पापों से मुक्त हो सकते हैं। विस्तृत राजयोग चित्र प्रदर्शनी को समझने के लिए वा मेडिटेशन सीखने के लिए स्थानीय सेवा केंद्र क्वार्टर नम्बर b4 , रोड नंबर 8 में आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं ।समय प्रातः 7:00 से 9:00 और संध्या 4:00 से 8:00 तक आप निशुल्क राजयोग मेडिटेशन एवं ईश्वरीय ज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं ।आप किसी भी दिन से एक घंटे समय देकर इस सत्य परमात्मा पिता से जुड़ सकते है।*
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