
आज रविवार 17 सितंबर 2023 को सुबह 10:00 बजे मदरसा गुलशने बग़दाद के बरकाती हॉल में तहरीके बेदारी के सिलसिले में हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ्ती अल्हाज मुहम्मद फहीमुद्दीन मिस्बाही साहब की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें एदारए शरिया, पटना के नाजिमे आला गा़ज़िए मिल्लत हज़रत मौलाना गुलाम रसूल बलियावी और हजरत मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी (नाजिमे आला, एदारए शरिया, झारखंड)
हजरत मौलाना मुफ्ती गुलाम हुसैन सकाफी (नायब काजी, एदाराए शरिया, पटना) ने विशेष अतिथि के रूप में भाग लिया और आसपास के अधिकांश इमाम, उलेमाए किराम, हुफ़्फ़ाज़े किराम, व बुद्धिजीवी लोग शामिल हुए। पहला ख़िताब हजरत मौलाना कुतुबुद्दीन रिज़वी ने दिया, उन्होंने तहरीक बिदारी कॉन्फ्रेंस के उद्देश्यों और लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जहां भी कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया वहां वहां से मुस्लिम कौम को बहुत फायदा हुआ है, इसलिए हजारीबाग में भी होना जरूरी है, ताकि हमारी नई पीढ़ी में ईमानी जज़्बा पैदा हो सके और समाज में जो कुरीतियां पैदा हो रही हैं, उन्हें दूर किया जा सके। अंत में अल्लामा गुलाम रसूल बिलायवी ने अपने बयान के दौरान कहा कि मुसलमानों को दहेज की मांग, शिक्षा से दूरी और अन्य खुराफ़ात आदि से मुसलमानों को कैसे दूर किया जाए। इस सिलसिले में तहरीके बेदारी कॉन्फ्रेंस के द्वारा मुस्लिम समाज को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है। इस बैठक में विशेष रूप से उलेमाए किराम में हजरत मौलाना ताजुद्दीन रांची, ड० हैदर अली,मौलाना मसऊद फरीदी, मौलाना अब्दुल वाहिद मिस्बाही, मौलाना मुख्तार हबीबी, मौलाना याकूब मिस्बाही, शायरे अहले सुन्नत फख़्र बलियावी, मद्दाहे रसूल अल-हाज ज़फ़र अकील हजारीबागवी, नकीबे सदाबहार दानिश इकबाल, हाफिज यूसुफ लालपुर चौक, कारी अरशद जमाल, हाफिज तय्यब, सादिक रजा सादिक, सैयद कामरान, मौलाना जाफर इमाम, हाफिज इकबाल, कारी अजमल, मौलाना मुर्शिद, कारी शमशेर, मौलाना मुर्शिद साहिबान व मदरसा गुलशने बगदाद के असत्ज़ा किराम, शिक्षक, हजरत मौलाना आजम अली मिस्बाही, प्रिंसिपल मदरसा गुलशने बगदाद, कारी इकरामुद्दीन, कारी सगीर, हाफिज मोहम्मद आरिफ़ हुसैन साहब, बुद्धिजीवी में विशेष रूप से मास्टर इरफान उल्लाह,अब्दुल सत्तार सदर मंडई, इकबाल अंसारी, गुलाम मुहीउद्दीन पूर्व मुखिया, शरफुल नाइब सचिव मदरसा, हाजी अब्दुल मजीद, मुहम्मद हुसैन, नूर मोहम्मद,सहजद खान, मो,हसमत अली, मो ,तालिब अली ,मो,राशिद,मास्टर हसरत अली,गुलाम सरवर, मास्टर खुर्शीद, हाजी मुश्ताक रिजवी, अख्तर रिजवी पगमिल, आदि शामिल थे।
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