कट-ऑफ डेट जैसे काला कानून में सुधार व मुआवज़े के दाम बढ़ाने की मांग
रिपोर्ट – सुमित कुमार पाठक पतरातु
हजारीबाग लोकसभा सांसद मनीष जायसवाल ने बुधवार को संसद में क्षेत्र की किसानों की जमीन अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि हजारीबाग और रामगढ़ जिलों के अनेक गांवों में कंपनियों द्वारा उपजाऊ कृषि भूमि का अधिग्रहण जारी है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए।
सांसद जायसवाल ने हजारीबाग जिले के बड़का गांव और केरेडारी प्रखंड के कई गांवों में कंपनियों द्वारा की जा रही भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वर्षों से अधिग्रहित भूमि के मुआवज़े की दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जो किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने कट-ऑफ डेट जैसे “काला कानून” में भी तत्काल सुधार की मांग की ताकि स्थानीय लोगों को वास्तविक लाभ मिल सके।
उन्होंने बताया कि बड़कागांव प्रखंड के हरली, बादाम, गोंदलपुरा, चंदौल, अम्बाजीत, महंगाई, राउतपारा समेत कई गांव और केरेडारी के अनेक इलाके ऐसे हैं जहां की उपजाऊ जमीन को कोयला खनन के लिए अधिग्रहित किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह प्रक्रिया न केवल किसानों की जमीन छीनेगी बल्कि उनकी पहचान और अस्मिता को भी खतरे में डाल देगी।
सांसद ने कहा कि बड़कागांव और केरेडारी क्षेत्र की सब्ज़ी पूरे हजारीबाग की जरूरत पूरा करती है, तथा उक्त भूमि पर 1 वर्ष में तीन – तीन फसल उगाया जाता है वहीं बड़कागांव का गुड़ जिले ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है। इसी कारण इस क्षेत्र को धान का कटोरा भी कहा जाता है।
अध्यक्ष से आग्रह करते हुए सांसद ने मांग की कि इन प्रखंडों के गांवों में हो रहे अधिग्रहण पर तत्काल रोक लगाई जाए ताकि किसान अपनी जमीन बचा सकें और सम्मान व खुशहाली से जीवन जी सकें।
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