राजधानी दिल्ली में मंगलवार शाम हुए बम विस्फोट के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देर रात उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में शाह ने स्पष्ट निर्देश दिया कि इस हमले में शामिल हर व्यक्ति की पहचान कर उसे कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी। गृह मंत्री ने कहा, “इस कृत्य में शामिल हर दोषी को हमारी एजेंसियों की कठोर कार्रवाई का सामना करना होगा।” विस्फोट में कई लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं। यह बैठक गृह मंत्रालय के कर्तव्य पथ स्थित कर्तव्य भवन में हुई, जो दिन में करीब दो घंटे पहले गृह मंत्री के आवास पर हुई पहली बैठक का विस्तार थी। बैठक में गृह सचिव गोविंद मोहन, आईबी निदेशक तपन डेका, एनआईए प्रमुख सदानंद वसंत दाते, दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलछा और जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात (वर्चुअल माध्यम से) शामिल हुए। बैठक में राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के साथ-साथ विस्फोट की जांच की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की गई।
लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ था धमाका
सोमवार शाम करीब 7 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 और 4 के बीच ट्रैफिक सिग्नल के पास खड़ी एक हुंडई i20 कार में विस्फोट हुआ। घटना के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस, एनएसजी, एनआईए और एफएसएल की टीमें मौके पर पहुंचीं। गृह मंत्री शाह ने घटना के कुछ ही समय बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त और आईबी निदेशक से बात की थी और एक समन्वित बहु-एजेंसी जांच का निर्देश दिया था। पहले चरण की समीक्षा बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने इसे संभावित आतंकी कृत्य मानते हुए जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया। अब एनआईए दिल्ली पुलिस से केस का औपचारिक रूप से कार्यभार संभालेगी और विस्फोट में इस्तेमाल सामग्री, संभावित आतंकी संबंधों और वित्तीय लिंक की गहन जांच करेगी। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीमों ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए थे। मंगलवार सुबह एनआईए और एफएसएल की संयुक्त टीम ने स्थल का पुनः दौरा कर अतिरिक्त फोरेंसिक साक्ष्य जुटाए।
फरीदाबाद में बरामद विस्फोटक से भी जोड़े जा रहे सुराग
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा समीक्षा के दौरान फरीदाबाद में हाल ही में बरामद भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और दिल्ली धमाके के बीच संभावित संबंध पर भी चर्चा की गई। एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि दोनों घटनाओं के बीच कोई नेटवर्क तो नहीं है। एनआईए जल्द ही एफआईआर दर्ज कर दिल्ली पुलिस से एकत्र सभी साक्ष्यों को अपने कब्जे में लेगी। गृह मंत्रालय का कहना है कि जांच को हर स्तर पर तेज किया जा रहा है ताकि दोषियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाया जा सके।
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