हजारीबाग: हजारीबाग स्थित रोज मैरेज हॉल में आज दिनांक 27/12/2024 को झारखण्ड प्राइवेट स्कूल संगठन की एक जिला स्तरीय बैठक अध्यक्ष श्री विनोद भगत की अध्यक्षता में हुई। जिसमें सभी प्रखंडों से लगभग 300 से अधिक U-Dise प्राप्त स्कूल संचालक एवं प्राचार्य उपस्थित हुए। बैठक का मूख्य उपदेश U-Dise प्राप्त तथा गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर सरकार द्वारा होने वाले कारवाई और झारखण्ड के माननीय उच्च न्यायालय में चल रहे मामले पर विचार-विमर्श करके शिक्षा मंत्री तक अपनी बातों को पहुँचाना है!
मामला यह है कि भारत सरकार के द्वारा 04/08/2009 को निशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम (R.T.E) ACT पारित किया गया ‘और झारखण्ड में इसे 2011 में लागू किया गया और मूख्य रूप से प्राइवेट स्कूलों को कक्षा-1 में 25% बच्चों को निशूल्क शिक्षा देने का निर्देश दिया गया जिसका पालन अधिकांश स्कूल करते चले आ रहे है। 2012 में सभी स्कूलों को प्रपत्रं- 1 भरवाया गया और हजारीबाग जिला से जाँच के उपरांत चयनित 100 स्कूलों की सूची JAC भेजी गई और बिना स्पष्टीकरण के रद कर दिया गया। 2017 में फिर कुछ नए नियम के साथ प्रपत्र। भरवाया गया और फिर 2019 में R.T.E ACT संसोधित नियमावली 2019 झारखण्ड सरकार के द्वारा पारित किया गया। जिसमें ऐसे कठोर और कडे नियम बनाए गए जिसे छोटे-छोटे निम्न स्तर के विद्यालय पूरा नहीं कर सकते है! जैसे शहरी क्षेत्र के लिए 75डी जमीन का होना, कमरे का साईज 18×22 का होना, तडित चालक, FIRE NOC इत्यादि शामिल है।
ऐसी स्थिति में प्राइवेट स्कूलों के द्वारा 2019 नियमावली को निरस्त करने के लिए रीट याचिका दायर की गई। माननीय उच्च न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से देखते हुए तत्काल Stay Order लागू कर दिया गया और अभी मामला न्यायालय के अधीन चल रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि झारखण्ड स्कूली शिक्षा विभाग के द्वारा न्यायालय में दिए गए आंकडों के अनुसार कक्षा-VIII तक चलने वाले 80% विद्यालय 0.75डी से कम भूमि पर संचालित है। ऐसे दोहरे मापदंड तैयार करके प्राइवेट स्कूलों को पडताडित किया जा रहा है। मान्यता के नाम पर 12 वर्षों से शोषण किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में माननीय उच्य न्यायालय के अंतिम आदेश आने तक किसी प्रकार की कारवाई करना उचित नहीं है! इससे कोट की अवहेलना हो सकती है। आज की बैठक में सर्व सम्मती से यह निर्णय लिया गया की संगठन का एक प्रतिनिधी मंडल जल्द से जल्द शिक्षा मंत्री से मिलकर इन सारी बातों से अवगत कराएगें। हमारी यह मॉग है कि सरकार U-Dise प्राप्त स्कूलों को बिना शर्त मान्यता दे और 2019 नियमावली को निरस्त करे, अन्यथा पूरे राज्य में उग्र आंदोलन होगा। तब तक के लिए कोई भी स्कूल मान्यता के लिए आवेदन नही करेगें!
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