उर्दू शिक्षकों के रिक्त 3712 पदों पर नियमावली 2012 के अनुसार बहाली शुरू करने का अनुरोध
लोहरदगा ब्यूरो सद्दाम खान की रिपोर्ट
लोहरदगाः अंजुमन इस्लामिया लोहरदगा के सदर हाजी मोहम्मद अफसर कुरैशी ने शनिवार को एक प्रेस बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रमोशन नियमावली 2024 के ड्राफ्ट से उर्दू शिक्षक के पदों को मरणशील करने का प्रवाधान लगाया गया है, जो द्वितीय राजभाषा उर्दू को समाप्त कर देने की एक बड़ी साजिश का परिचायक है। जिसे अविलंब हटाया जाए। उन्होंने कहा है कि प्रारम्भिक विद्यालय उर्दू शिक्षकों के रिक्त 3712 पदों पर नियमावली 2012 के अनुसार बहाली शुरू करें। झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के द्वारा झारखंड राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली 2024 का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। उक्त नियमावली के परिभाषाओं में उल्लेख है कि इंटरमीडिएट प्रशिक्षित एवं स्नातक प्रशिक्षित सहायक शिक्षक एवं उर्दू सहायक शिक्षक के पद को मरणशील संवर्ग कर दिया जाएगा और इस पद पर अब कोई भी नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। यह नियमावली लागू होती है तो वर्ष 1999 में बिहार सरकार के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के लिए सृजित किए गए 4,401 उर्दू शिक्षक के पद वर्तमान में रिक्त 3712 उर्दू शिक्षक पद को सरेंडर कर दिया जाएगा, जो कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। यह उर्दू भाषी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ ज्यादती होगी। हाजी मोहम्मद अफसर कुरैशी ने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव से आग्रह करते हुए कहा है कि राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली 2024 के ड्राफ्ट से उर्दू शिक्षक के पद को मरणशील संवर्ग करने का प्रावधान यथाशीघ्र हटाया जाए। 4,401 उर्दू प्रारंभिक शिक्षक के खाली पड़े 3712 उर्दू शिक्षकों के पदों को क्लास 1 से 5 और क्लास 6 से 8 में बांटकर प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 के अनुसार बहाली शुरू की जाए।
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