दिल्ली पुलिस ने सीमापुरी इलाके से 59 वर्षीय मोहम्मद आदिल हुसैनी को जासूसी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, आदिल का संपर्क एक विदेशी परमाणु वैज्ञानिक से था और वह झारखंड के जमशेदपुर से संचालित फर्जी पासपोर्ट रैकेट से भी जुड़ा हुआ था।
जांच के दौरान आदिल के पास से कई जाली दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिनमें उसका नाम अलग-अलग पहचान के साथ दर्ज है, मोहम्मद आदिल हुसैनी, सैयद आदिल हुसैन और नसीमुद्दीन। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने इन्हीं जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर एक संवेदनशील प्रतिष्ठान के तीन पहचान पत्र हासिल किए थे।
पूछताछ में आदिल ने स्वीकार किया कि उसने एक रूसी वैज्ञानिक से न्यूक्लियर डिजाइन से जुड़ी संवेदनशील जानकारी प्राप्त की थी, जिसे उसने ऊंची कीमत पर एक ईरानी वैज्ञानिक को बेच दिया। इस सौदे से उसे बड़ी रकम मिली, जिसका कुछ हिस्सा उसने दुबई में निवेश किया, जबकि बाकी रकम खर्च कर दी।
आदिल ने यह भी कबूल किया कि वह और उसका भाई अख्तर हुसैनी अहमद (63) पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) से जुड़े थे। फिलहाल दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियां आदिल के अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों से संपर्क, दुबई में किए गए निवेश और आईएसआई से संबंधों की जांच कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, आदिल और उसका भाई भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) के अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे थे, तभी इस अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क का खुलासा हुआ।
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