बिहार। बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा रद्द हो सकती है। आयोग ने वायरल प्रश्न मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंप दी है। ईओयू को आयोग ने कुछ तथ्य भी भेजे हैं। इसकी जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि आयोग के सचिव सुनिल कुमार ने अभी परीक्षा को रद्द करने की बात नहीं कही है। उन्होंने बताया कि परीक्षा को लेकर आयोग काफी गंभीर व संवेनशील है। यदि प्रश्न पत्र केन्द्र से बाहर आने और इससे परीक्षा प्रभावित होने की बात थोड़ी भी सही पाई गई तो प्रथम चरण की परीक्षा रद्द करने में देर नहीं किया जाएगा।

आयोग के अनुसार, परीक्षा सुबह दस बजे से शुरू हुई थी। इसका पेपर 11 बजकर नौ मिनट पर वायरल हो गया था। परीक्षा का जो पेपर वायरल हुआ है। उसका मिलान करने पर सही पाया गया। वहीं, आयोग के अनुसार परीक्षा में कुछ प्रशासनिक त्रुटियां सामने आई है इसके संबंध में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि शनिवार को होने वाली परीक्षा को स्थगित नहीं की गयी है। वह निर्धारित समय पर होगी। इधर, शिक्षा मंत्री प्रो. चन्द्रशेखर ने भी बयान जारी कर कहा कि पहले मामले की जांच की जाएगी। अगर जांच में कुछ गड़बड़ी पायी गयी तो परीक्षा रद्द की जाएगी। हालांकि दूसरी पाली की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई। किंतु छात्रों का आरोप है कि जब प्रश्न-पत्र बाहर नहीं आया था तो यह वायरल कैसे हुआ। परीक्षार्थी और छात्र संगठनों ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
Leave a comment