झारखंड में शीतलहर अपना असर दिखाने लगी है। सुबह से चल रही ठंडी हवाओं ने लोगों को कंपकंपा दिया है। पिछले 24 घंटों में राज्य के सात जिलों में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। इनमें कांके (रांची) 3.2 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा रहा। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। हालांकि इसके बाद अगले चार दिनों में रात के तापमान में 2–3 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि हो सकती है। मौसम साफ रहने और सुबह के समय कोहरा या हल्की धुंध बने रहने की संभावना है।
राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान मौसम शुष्क रहा और मध्यवर्ती इलाकों में कहीं-कहीं शीतलहर की स्थिति दर्ज की गई। अधिकतम तापमान चाईबासा में 29.4 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान कांके में 3.2 डिग्री सेल्सियस रहा। खूंटी में पारा 4.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। रांची, डाल्टेनगंज, बोकारो थर्मल, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा और सरायकेला में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज हुआ। चाईबासा का रात का तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम पाया गया।
तेज ठंड के असर से आम जनजीवन प्रभावित है। रात में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सड़कों पर यात्रियों व रिक्शा चालकों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बोकारो सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. कुंवर अभिषेक आर्य के अनुसार, अत्यधिक ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे खून गाढ़ा होता है और हृदय पर दबाव बढ़ जाता है। ऐसे में हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।
उधर, गिरिडीह स्थित लोकप्रिय पर्यटन स्थल खंडोली डैम इन दिनों प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट से गुलजार है। सर्दियां आते ही साइबेरियन डक समेत कई विदेशी पक्षियों ने यहां डेरा जमा लिया है। हर वर्ष की तरह इस बार भी लगभग 4,000 किमी का सफर तय कर प्रवासी पक्षी इस शांत जलाशय में शरण लेने पहुंचे हैं। अब तक खंडोली और आसपास के जलक्षेत्र में 82 से अधिक प्रजातियों की मौजूदगी दर्ज की जा चुकी है। इनमें हेडेड गूज, रेड-क्रेस्टेड पोचार्ड, नॉर्दर्न पिंटेल, ग्रे-लेग गूज, कॉमन पोचार्ड, व्हाइट वैगटेल, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीव, स्नो क्रॉन, रूबी थ्रोट और ग्रास हॉपर जैसी महत्वपूर्ण प्रजातियाँ शामिल
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