हजारीबाग: हजारीबाग के एसबीआई मुख्य शाखा से रुपये निकालकर पैदल जिला परिषद चौक की ओर जा रहे सेवानिवृत्त चौकीदार लोकनाथ महतो से 18 हजार रुपये लूटने की घटना सामने आई है। इस संबंध में सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है। लोकनाथ महतो ने बताया कि वह दवा खरीदने के लिए एसबीआई मुख्य शाखा से 18 हजार रुपये की निकासी कर पैदल जिला परिषद चौक की ओर जा रहे थे। तभी एक सफेद रंग की कार पीछे से आई और कार से दो लोग उतरकर उन्हें जबरदस्ती कार के अंदर धकेलकर बैठा लिया। कार के अंदर पहले से दो लोग मौजूद थे। अपराधी उन्हें कनहरी रोड की ओर ले गए और जान से मारने की धमकी देकर गला दबाने लगे। उन्होंने रुपये छीन लिए और फिर उन्हें कार से धकेलकर बाहर निकाल दिया और फरार हो गए। सेवानिवृत्त चौकीदार ने बताया कि वह 40 वर्षों तक सदर थाना में चौकीदारी कर चुके हैं और उनके साथ दोपहर 2:30 बजे यह लूट की घटना घटी। जब वे घटना की जानकारी देने के लिए शाम 3:30 बजे सदर थाना पहुंचे, तो उन्होंने लिखित शिकायत दर्ज की। उन्होंने आरोप लगाया कि सदर थाना की पुलिस घटना की जांच करने में कोई तत्परता नहीं दिखाई। लोकनाथ महतो ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ऐसी लापरवाह पुलिस नहीं देखी है। उनके समय में ऐसी घटनाओं पर पुलिस तुरंत कार्रवाई के लिए निकल पड़ती थी और सभी थानों को वायलेस से सूचित करती थी। महतो ने बताया कि पुलिस की इस लापरवाही के कारण अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण अपराधी बिना डर के इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। लोकनाथ महतो ने पुलिस से मांग की है कि जल्द से जल्द इस मामले की जांच की जाए और दोषियों को पकड़कर उन्हें सजा दी जाए। घटना के बाद स्थानीय नागरिकों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता और अपराधियों के बढ़ते मनोबल के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपील की है कि वे अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करें और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।इस लूट की घटना ने हजारीबाग में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। लोग पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और नागरिक सुरक्षित महसूस कर सके।
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