पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा जंगल में 10 अक्टूबर को नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हुए सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा का निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार सुबह दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। पिछले कई दिनों से उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी। जिला पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने बताया कि शहीद कौशल कुमार मिश्रा सीआरपीएफ की 60वीं बटालियन में तैनात थे और नक्सल विरोधी अभियान का नेतृत्व कर रहे थे। 10 अक्टूबर को जराईकेला थाना क्षेत्र के समठा और बाबूडेरा जंगल में सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर दिया था। विस्फोट में इंस्पेक्टर मिश्रा के बाएं पैर में गंभीर चोटें आई थीं।
घटना के बाद उन्हें पहले राउरकेला, फिर रांची, और बाद में दिल्ली एम्स एयरलिफ्ट कर भेजा गया था, जहां 11 अक्टूबर से उनका इलाज चल रहा था। लेकिन लगातार प्रयासों के बावजूद 30 अक्टूबर की सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिले के रहीमपुर गांव के निवासी थे। दिल्ली से उनका पार्थिव शरीर वायु मार्ग से दरभंगा लाया गया, जहां से सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव भेजा जाएगा। उसी आईईडी विस्फोट में उनके साथ सब इंस्पेक्टर रामकृष्ण गागराई और हवलदार महेंद्र लस्कर भी घायल हुए थे। हवलदार महेंद्र लस्कर की 11 अक्टूबर को इलाज के दौरान मौत हो गई थी, जबकि रामकृष्ण गागराई, जो झामुमो विधायक दशरथ गागराई के भाई हैं, अब भी अस्पताल में इलाजरत हैं।
 
                                                                                                                                                 
                                                                                                     
                             
                             
                                 
 
			         
 
			         
 
			         
 
			        
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