पेयजलापूर्ति के लिए स्वतंत्र लाइन से 24 घंटे होती है बिजली आपूर्ति
रांची। राजधानी रांची में पेयजलापूर्ति बाधित होने पर बिजली विभाग की कोई भूमिका नहीं रहती है। क्योंकि जलापूर्ति के लिए पेयजल और स्वच्छता विभाग को प्रतिदिन 23 घंटे से अधिक बिजली की आपूर्ति की जाती है।
अपने कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रांची के विद्युत अधीक्षण अभियंता डीएन साहू ने कहा कि आंधी बारिश के इस मौसम में विद्युत आपूर्ति सामान्य बनाए रखना चुनौती है। इसके बावजूद विभाग की सभी टीमें 24 घंटे अपने-अपने ड्यूटी पर तैनात है। जिस कारण आंधी बारिश से पोल गिरने, तार टूटने सहित अन्य समस्याओं का समाधान त्वरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले चार-पांच दिनों में आंधी बारिश के कारण 450 सिमेंटेड पोल, 22 रेल पोल और 12 ट्रांसफार्मर गिर गए थे। जिससे विभाग को 35 लाख रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए बिजली विभाग की पूरी टीम के साथ 18 कांट्रैक्टरों की भी पूरी टीम लगी हुई है। शहरी क्षेत्र में बिजली बहाली में देरी पर उन्होंने कहा कि यहां पेड़ गिरने पर उसे हटाने की जिम्मेवारी नगर निगम को है। यदि नगर निगम द्वारा पेड़ हटाने में देरी की जाती है, तब बिजली बहाल करने में थोड़ी देर हो जाती है। श्री साहू ने कहा कि पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा मेंटेनेंस के कार्य के लिए बिजली बंद करने के अनुरोध पर बिजली विभाग उनकी बिजली काटती है, अन्यथा उन्हें 24 घंटे बिजली दी जाती है। कार्यपालक अभियंता पूर्वी क्षेत्र राजेश कुमार मंडल ने बताया कि रुक्का जलागार से शहर में जलापूर्ति के लिए बिजली विभाग की ऐसी व्यवस्था है कि उन्हें 24 घंटे लाइन दी जाती है। शहर में पेयजल आपूर्ति में कोई परेशानी होती है तो यह उनके अपने कोई कार्य के कारण हो सकती है। इसमें बिजली विभाग की कोई भूमिका नहीं रहती है। बिजली विभाग के अधिकारी पेयजल व स्वच्छता विभाग, नगर निगम और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करती है। ताकि प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति की स्थिति सामान्य बनी रहे।
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