


स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग , झारखंड सरकार , रांची के द्वारा हजारीबाग जिलों के प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों में से विद्यालयवार चिन्हित आवश्यकता से अधिक सरप्लस शिक्षकों की सूची और Vacancy Data को भेजते हुए संबंधित जिला शिक्षा अधीक्षक को जांच- परखकर सत्यापित करने को कहा गया ताकि स्थानांतरण से संबंधित आगे की प्रक्रिया को पूरी गति दी जा सके। जिला शिक्षा अधीक्षक, हजारीबाग द्वारा संबंधित डाटा की न ही कोई जांच- परख की गई और न ही सरप्लस चिन्हित शिक्षकों से आपत्ति की मांग की गई ।संबंधित डाटा में सैकड़ों त्रुटियाँ होने के बावजूद जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा कार्यालय के ज्ञापांक 1633 दिनाँक 27/7/23 द्वारा गैर-जिम्मेदाराना ढंग से बिना जांचे परखे डाटा को सत्यापित करते हुए विभाग को अग्रतर कार्रवाई हेतु वापस भेज दिया गया ।Surplus Teacher से संबंधित सूची में तथा जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्य – प्रणाली में मुख्यतः निम्नांकित त्रुटियाँ हैं :-
1) स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार, रांची द्वारा, हजारीबाग जिलॆ के प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों में से विद्यालयवार जारी सरप्लस शिक्षकों की सूची के पूर्व जिला शिक्षा अधीक्षक हजारीबाग के कार्यालय से भी विद्यालयवार Surplus शिक्षकों को चिन्हित करते हुए सूची जारी की गई थी । आश्चर्य की बात है कि दोनों सूचियों में जमीन-आसमान का अंतर है ।उदाहरण स्वरूप :- जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय , हजारीबाग द्वारा जारी Surplus शिक्षकों की सूची में राजकीय मध्य विद्यालय करियातपुर, प्रखंड -ईचाक हजारीबाग में एक भी शिक्षक Surplus चिन्हित नहीं थे। जबकि PFEL TEAM रांची द्वारा इसी विद्यालय के लिए कुल 6 कार्यरत सरकारी शिक्षकों में से 5 शिक्षकों को Surplus चिन्हित कर दिया गया है। ऐसे अनेकों उदाहरण हैं।
2) वर्ष 2016 के पूर्व प्रारंभिक विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षक के नाम पर शिक्षकों की नियुक्ति होती रही है , जो वर्षों से वर्ग 1 से वर्ग 8 तक के छात्रों को पढ़ाने – लिखाने का कार्य करते रहे हैं। माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की स्थिति में जिला शिक्षा स्थापना समिति के निर्णय के आलोक में इन्ही प्रारंभिक शिक्षकों का प्रतिनियोजन माध्यमिक विद्यालय में किया गया था। जिन्होंने वर्षों तक वर्ग 10 से
10+2 तक के बच्चों को पढ़ाया है। आज इन्हीं शिक्षकों को वर्ग 1 से 5 तक का शिक्षक कह कर अपमानित करते हुए Surplus शिक्षक के रूप में चयनित किया गया है ।
3) Surplus शिक्षकों की सूची में वर्ग vi से viii तक के जिन शिक्षकों का नाम है उनकी नियुक्ति/ पदस्थापना विद्यालयों में विषयवार शिक्षक (भाषा, कला और विज्ञान) के रूप में की गई है ,ऐसी स्थिति में Surplus शिक्षक के रूप में इन्हें चिन्हित करना आश्चर्यजनक है। यदि ऐसा होता है तो इसका अर्थ यही है कि जिस विषय के शिक्षक को Surplus घोषित करते हुए स्थानांतरण का प्रयास किया जा रहा है, उस विद्यालय में अब संबंधित विषय के शिक्षकों कॆ पद को समाप्त कर दिया गया है ।
4) राजकीय कन्या मध्य विद्यालय बिष्णुगढ़ में वर्ग vi से viii में कुल 142 छात्राएँ नामांकित हैं तथा भाषा, कला और विज्ञान के स्वीकृत पद के विरुद्ध 3 शिक्षक कार्यरत हैं। इस विद्यालय से विज्ञान शिक्षक विकास कुमार का नाम Surplus Teacher के रूप में चिन्हित किया गया है ।इसी विद्यालय के सरस्वती कुमारी प्रमाणिक शिक्षिका को भी Surplus शिक्षक के रूप में चयनित किया गया है ।अर्थात वर्ग vi से viii तक के लिए एक शिक्षक बच गए हैं ।(142 : 1 )
उत्क्रमित उच्च विद्यालय, सिंदूर हजारीबाग में वर्ग vi सेviii तक कुल 125 छात्र नामांकित हैं ।इस विद्यालय में वर्ग vi से viii तक के लिए कार्यरत तीनों शिक्षिकाओं ज्योत्सना रंजन, पुष्पा कुमारी और श्वेता सिन्हा को Surplus चिन्हित कर दिया गया है। इसी तरह की सैकड़ों त्रुटियाँ Surplus चिन्हित शिक्षकों की सूची में विद्यमान है।
5) बहुत सारे विद्यालयों में मात्र 01 सरकारी शिक्षक कार्यरत हैं, ऐसे शिक्षकों को भी Surplus शिक्षक के रूप में चिन्हित कर दिया गया है। यदि इन शिक्षकों का Surplus शिक्षक के नाम पर स्थानांतरण होता है तो ऐसी स्थिति में 90 से अधिक विद्यालय सरकारी शिक्षक विहीन हो जाएंगे ।
6) Surplus शिक्षकों की सूची में बहुत सारे ऐसे शिक्षकों का नाम चिन्हित है जिनकी सेवा 2 वर्षों से कम की रह गई है ।
7) Surplus शिक्षकों की सूची में बहुत सारे शिक्षक ऐसे हैं जो असाध्य रोग से पीड़ित हैं,जबकि असाध्य रोग से पीड़ितों के लिए सुविधाजनक स्थान पर स्थानांतरण किए जाने का प्रावधान है।
8) Surplus शिक्षकों की सूची में दिव्यांग शिक्षकों को भी चिन्हित किया गया है । राजकीय मध्य विद्यालय ईचाक की शिक्षिका श्रीमती उमा पांडे 60% से अधिक दिव्यांग है, उनकी नियुक्ति भी दिव्यांगता के आधार पर हुई है ।
9) Surplus शिक्षकों की सूची में आश्चर्यजनक रूप से सेवानिवृत्त शिक्षकों का नाम भी सम्मिलित है । विद्यालय में कुल कार्यरत शिक्षकों की गणना में सहायक अध्यापकों को भी शामिल किया गया है ,जबकि Surplus चिन्हित करने में उन्हें छोड़ दिया गया।
11) Surplus शिक्षकों की सूची में जितने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक ( vi से viii से संबंधित) को चिन्हित किया गया है यदि उनका स्थानांतरण होता है तो उन्हें प्राथमिक विद्यालयों (1 से 5 )मेंअवनत कर पदस्थापित करना होगा ।क्या ऐसा संभव है ?
12 ) जिले के अधिकांश विद्यालयों में Surplus शिक्षकों को चिन्हित किया गया है ऐसी स्थिति में उन्हीं विद्यालयों में नई नियुक्ति (जो होने वाली है ) से शिक्षकों का पदस्थापित किया जाना है; जो नियमतः सही नहीं होगा ।
13) सहायक अध्यापिका /पारा शिक्षिका सुमित्रा कुमारी जी ,जो अबला, असहाय निशक्त आदिवासी महिला हैं ,उनका मानदेय लगभग 7 वर्षों से नहीं दिया जा रहा है ।
14) जिला शिक्षा अधीक्षक महोदय न तो संघ के प्रार्थना पत्रों पर संज्ञान लेते और न ही वरीय पदाधिकारियों के आदेश व निर्देश को मानते हैं।
15) दुर्भाग्य है कि जिला शिक्षा अधीक्षक के गलत कार्यप्रणाली को जानने समझने के बाद भी इनके विरूद्ध यहाँ के वरीय पदाधिकारी खामोश हैं।
16) लगभग 6 दर्जन शिक्षकों का 1 दिन का वेतन महीनों से लंबित है ।उन लोगों के स्पष्टीकरण पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है और न ही माननीय उपायुक्त महोदय के कार्यालय में संबंधित संचिका उप स्थापित किया जा रहा है।
17) सरकार के विभागीय सचिव के द्वारा अपने विभिन्न आदेशों के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों के विभिन्न ग्रेडों में पदोन्नति हेतु लगातार निर्देश प्रदान किया जा रहा है। लेकिन जिला शिक्षा अधीक्षक, हजारीबाग लगातार उनके आदेशों की अवहेलना करते हुए पदोन्नति को लंबित रखे हुए हैं। इस प्रेस कांफ्रेंस में संगठन के अध्यक्ष मो अतिकुजजमा, प्रधान सचिव कुमार सतयपाल,वरीय सदस्य सुनील सिंह, कार्य कारी अधयक्ष मनोज कुमार,उपाधयक्ष प्रभाकर कुमार,तारकेशवर सिंह, नवीन कुमार,संयुक्त सचिव विष्णु कुमार, राजेश्वर, नरेंद्र गुप्ता, सुनील कुमार, महेन्द्र गुप्ता, राजेन्द्र प्रजापति, मीडिया प्रभारी राजीव झा एवं संगठन के हजारीबाग ईकाई के सभी सदस्य उपस्थित हुए।
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