
हजारीबाग/रांची, 01 अगस्त 2025:
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के राष्ट्रीय आह्वान पर आज झारखंड के सभी सरकारी कार्यालयों और विद्यालयों में UPS (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) के खिलाफ “रोष दिवस” मनाया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने हाथों में विरोधात्मक तख्तियां लेकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार तक अपनी आवाज बुलंद की।
इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे JHAROTEF/NMOPS के प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह ने कहा:
“राज्य के कुछ उच्च पदस्थ पदाधिकारी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में UPS लागू करने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि मा० मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी की कर्मचारी हितैषी छवि को धूमिल करने की साजिश है। हम ऐसी किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देंगे।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि एक ही कार्यालय में कार्यरत समान पदों पर अलग-अलग पेंशन व्यवस्था लागू करना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे कार्य कुशलता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
प्रांतीय महासचिव उज्जवल कुमार तिवारी ने UPS को पूंजीपतियों के पक्ष में लाया गया षड्यंत्र करार देते हुए कहा:
“सरकार UPS के तहत अपने अंशदान को 14% से बढ़ाकर 18.5% कर रही है, लेकिन यह राशि शेयर बाजार में निवेश के ज़रिए केवल कॉर्पोरेट हितों को मजबूत करेगी, न कि कर्मचारियों के भविष्य को।”
सोशल मीडिया प्रभारी रामबिलास पासवान ने UPS को एक “छलावा” बताते हुए कहा कि इससे सरकारी कर्मचारियों को कोई सुरक्षा नहीं मिलती। उन्होंने विश्वास जताया कि झारखंड सरकार कर्मचारी हितों की रक्षा करेगी।
जिलाध्यक्ष रंजीत वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार का रुख अब तक कर्मचारियों के पक्ष में रहा है और आशा है कि वह UPS लागू करने की किसी भी साजिश का हिस्सा नहीं बनेगी।
आंदोलन के माध्यम से कर्मचारियों ने एक स्वर में मांग की कि झारखंड सहित पूरे देश में पुरानी पेंशन व्यवस्था को तत्काल बहाल किया जाए, क्योंकि इसके बिना कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता।
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